इस मॉक अलॉटमेंट के जरिए विद्यार्थियों को यह अंदाजा लगेगा कि उनकी वर्तमान च्वॉइस फिलिंग के आधार पर कौन सा कॉलेज व ब्रांच उन्हें मिल सकती है। च्वाॅइस फिलिंग का अंतिम दिन 12 जून शाम 5 बजे तक है। कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा के अनुसार यदि कोई स्टूडेंट तय समय में अपनी भरी हुई च्वाॅइस को लॉक नहीं करता है तो उसकी अंतिम सेव च्वाॅइस स्वतः ऑटोलॉक हो जाएगी।
क्या करें विद्यार्थी? पहले मॉक सीट अलोकेशन के बाद स्टूडेंट्स को अपनी च्वाॅइस फिलिंग को ध्यान से रिव्यू करना चाहिए। यह देखना जरूरी है कि मॉक अलॉटमेंट में मिली ब्रांच से ऊपर कोई ऐसी च्वाॅइस तो नहीं रह गई, जो उनकी प्राथमिकता में होनी चाहिए थी। इसी तरह यह भी जांचें कि मॉक में मिली ब्रांच से नीचे कोई उच्च प्राथमिकता वाली च्वाॅइस तो नहीं है, जो गलती से कम प्राथमिकता में रह गई हो, क्योंकि लॉक करने के बाद च्वाॅइस में बदलाव संभव नहीं होगा।
जोसा काउंसलिंग कुल 6 राउंड में आयोजित होगी। अब 11 जून को दूसरा मॉक सीट अलोकेशन जारी किया जाएगा, जो स्टूडेंट्स के लिए अधिक विश्वसनीय रहेगा। तब तक कई विद्यार्थी अपनी च्वाॅइस फिलिंग को संशोधित कर लेंगे।
आईआईटीज में ब्रांच चेंज के ऑप्शन पर बड़ा बदलाव देश के लाखों विद्यार्थी हर साल जेईई-एडवांस्ड के माध्यम से शीर्ष आईआईटी में प्रवेश लेकर ब्रांच चेंज के जरिए बेहतर ब्रांच पाने की योजना बनाते हैं, लेकिन अब यह राह पहले जैसी आसान नहीं रह गई। इस वर्ष 23 में से 12 आईआईटी ने ब्रांच चेंज का विकल्प बंद कर दिया है। इनमें आईआईटी बॉम्बे, मंडी, खड़गपुर, हैदराबाद, मद्रास, पटना, धनबाद, वाराणसी, जम्मू व धारवाड़ शामिल हैं। वहीं 11 आईआईटी दिल्ली, इंदौर, जोधपुर, कानपुर, गांधीनगर, रुड़की, रूपड़, भिलाई, गोवा, पलक्कड़ व तिरुपति ने अभी भी ब्रांच चेंज का विकल्प जारी रखा है।
एनआईटीज में भी स्थिति बदली एनआईटी में भी ब्रांच चेंज के नियमों में बदलाव हुआ है। 32 में से 11 एनआईटी जालंधर, भोपाल, अगरतला, दुर्गापुर, गोवा, मेघालय, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, उत्तराखंड व नागपुर में ब्रांच चेंज का विकल्प मौजूद है। जबकि 21 एनआईटी में प्रमुख एनआईटी जयपुर, इलाहाबाद, कालीकट, सूरतकल, कुरुक्षेत्र, तिरुचिरापल्ली (तिरुची), वारंगल व सूरत ने यह विकल्प हटा दिया है।