script35 रुपए के लिए की थी हत्या, 57 साल बाद पकड़ा गया 77 साल का आरोपी, जानें पूरा मामला | Murder was done for 35 rupees in kota, 77 year old accused caught after 57 years | Patrika News
कोटा

35 रुपए के लिए की थी हत्या, 57 साल बाद पकड़ा गया 77 साल का आरोपी, जानें पूरा मामला

1968 में हत्या कर हुआ था फरार, उस समय उम्र थी 20 साल, दिल्ली में नाम व सरनेम बदल कर काट रहा था फरारी

कोटाJan 29, 2025 / 06:47 pm

shailendra tiwari

kota police
कोटा ग्रामीण के सुकेत थाना पुलिस ने 57 साल पहले हुई एक हत्या के मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने हत्या के आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया, आरोपी की उम्र अब 77 साल हो चुकी है। आरोपी ने 1968 में कोटा के कुंभकोट गांव में एक व्यक्ति की हत्या की थी और तब से फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
एसएचओ छोटूलाल ने बताया कि वर्ष 1968 में कुंभकोट गांव में प्रभुलाल नामक व्यक्ति ने भवाना नामक व्यक्ति पर हमला किया था। आरोप है कि प्रभुलाल ने भवाना को 35 रुपए में साइकिल बेची थी, लेकिन भवाना ने पैसे नहीं दिए थे। इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। इस दौरान भवाना ने प्रभुलाल पर पत्थर फेंका, जिससे प्रभुलाल बच गया। गुस्से में उसने भी भवाना पर पत्थर से हमला कर दिया। इस हमले में भवाना गंभीर घायल हो गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था।
आरोपी फरार, घोषित हुआ मफरूर

आरोपी प्रभुलाल घटना के बाद फरार हो गया। वह अपने परिवार के साथ गांव से निकलकर कहीं छिपने लगा। 1971 में उसे मफरूर घोषित कर दिया गया और उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश में कई प्रयास किए, लेकिन प्रभुलाल का कोई पता नहीं चला।
दिल्ली में नाम बदलकर रह रहा था

पुलिस ने बताया कि 57 साल बाद आरोपी के बारे में जानकारी मिली। मुखबिर से सूचना मिली कि प्रभुलाल दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रह रहा है। उसने अपना नाम बदलकर प्रेम सागर रख लिया है। वह ठेकेदारी का काम करने लगा और परिवार से भी कोई संपर्क नहीं रखता था। उसने अपनी जाति भी बदल ली और दिल्ली में मकान भी बना लिया था। अब वह बुजुर्ग होने के कारण घर पर ही रहने लगा था। पुलिस ने इस सूचना के आधार पर आरोपी को पकड़ने के लिए जांच शुरू की और उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर कोटा ले आई।
टीम ने चैलेंज लिया और पूरा किया

आरोपी की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती बन गई थी, क्योंकि 1968 में घटना के समय प्रभुलाल की उम्र 20 साल थी और अब उसकी उम्र 77 साल हो चुकी है। पुलिस ने लगातार मेहनत की और लम्बी जांच के बाद आरोपी का पता लगाया। ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने कहा कि यह सफलता पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस मामले को सुलझाना हमारे लिए एक चैलेंज था। टीम ने निरंतर प्रयास किए और 57 साल बाद आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई।

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