राजस्थान में स्टूडेंट्स सुसाइड मामले रोकने के लिए बनेगा कानून, जानें-कोटा में कितने कोचिंग स्टूडेंट्स ने की खुदकुशी
Kota Student Suicide Case: राजस्थान ही नहीं बल्कि देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में तमाम प्रयासों के बावजूद भी विद्यार्थियों के आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है।
Kota Student Suicide Case: राजस्थान सरकार कोचिंग सेंटर संचालन के लिए कानून लाकर विद्यार्थियों को आत्महत्या से बचाएगी। इसके लिए आने वाले विधानसभा सत्र में विधेयक लाया जाएगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट में जानकारी दी। अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। बता दें कि राजस्थान में कोटा को कोचिंग सिटी कहा जाता है। यहां विद्यार्थियों के आत्महत्या के मामले बड़ी संख्या में सामने आते हैं।
इस साल जनवरी महीने में ही 6 बच्चों ने कोटा में आत्महत्या कर ली है। 8 जनवरी को हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी छात्र नीरज, 9 जनवरी को मध्य प्रदेश के गुना जिले के निवासी अभिषेक लोधा, 15 जनवरी को ओड़िशा के अभिजीत गिरी, 18 जनवरी को राजस्थान के बूंदी जिले के निवासी मनन जैन, 22 जनवरी को गुजरात की अहमदाबाद निवासी छात्रा अफ्शा शेख और 22 जनवरी को असम के नागांव निवासी छात्र पराग ने आत्महत्या कर ली थी। इनमें से 5 स्टूडेंट्स कोटा में रहकर JEE की तैयारी कर रहे थे। वहीं एक छात्रा यहां NEET की तैयारी के लिए आई थी।
7 साल में 92 आत्महत्या
कोचिंग सिटी कोटा में 2018 से 2024 तक 92 स्टूडेंट्स ने आत्महत्या की थी। सामने आए आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में 20, 2019 में 8, 2020 में 4 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया। साल 2021 में एक भी सुसाइड का मामला सामने नहीं आया। फिर साल 2022 में 15, 2023 में 29, 2024 में 16 स्टूडेंट्स ने आत्महत्या की।
जांच में सामने आए ऐसे कारण
* कोचिंग सेंटर में होने वाले टेस्ट में पिछड़ जाने के चलते आत्मविश्वास में कमी।
* माता-पिता की छात्रों से उच्च महत्वाकांक्षा होना।
* छात्रों में शारीरिक, मानसिक व पढाई संबंधी तनाव उत्पन्न होना।
* आर्थिक तंगी, ब्लैकमेलिंग, प्रेम प्रसंग आदि।
बन सकता है ऐसा कानून
माना जा रहा है कि प्रस्तावित कानून के तहत 16 साल से कम उम्र वाले बच्चों को कोचिंग सेंटर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों की फीस, आधारभूत ढांचे, वहां दी जाने वाली सुविधाओं और फैकल्टी की जानकारी सरकार को देगी होगी।
कई नेता जता चुके हैं चिंता
कोटा में छात्रों के आत्महत्या के बढ़ते मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने कुछ दिनों पहले चिंता जताते हुए इसे अत्यंत डरावना और हृदयविदारक बताया था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा था कि कोटा, राजस्थान में एक ही दिन में दो बच्चों के आत्महत्या का समाचार अत्यंत डरावना और हृदयविदारक है। यहां तीन हफ्ते के अंदर 5 छात्रों ने आत्महत्या की है, ये बहुत चिंताजनक है।
वहीं चूरू से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि कोटा और जयपुर जैसे शहरों में छात्रों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं हर माता-पिता और शिक्षक के लिए आत्ममंथन का विषय है। राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देने की अपील की थी।
कोटा जिला प्रशासन स्टूडेंट सेफ्टी को लेकर सतर्क
वहीं कोटा जिला प्रशासन स्टूडेंट सेफ्टी को लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है। इसके तहत जिला कलक्टर ने शहर के समस्त हॉस्टल एवं पीजी संचालकों को 31 जनवरी तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर कोटा केयर्स अभियान के तहत कोचिंग स्टूडेंट्स सर्विस से जुड़े शहरवासियों के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग का दूसरा सेशन सोमवार से शुरू हुआ।
पहले दिन लैंडमार्क सिटी में सम्यक कैम्पस के सद्गुण सभागार में 752 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। इस सेशन में अतिरिक्त जिला कलक्टर अनिल कुमार सिंघल और ट्रेनर डॉ.हिमांशु शर्मा ने प्रशिक्षण दिया। एडीएम सिटी ने कहा कि हम संकेतों को कैसे विद्यार्थियों की मानसिकता को कैसे पहचान सकते हैं? इसके लिए ट्रेनिंग करवाई जा रही है।
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एंटी हैंगिंग डिवाइस से बच सकती है जान
साल 2023 में कोटा जिला प्रशासन ने हॉस्टल और पीजी संचालकों से कमरों में लगे पंखों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने के लिए कहा था। दरअसल इस उपकरण में स्प्रिंग लगी होती है। इसके पंखे के ऊपरी हिस्से में जोड़ा जाता है। जैसे ही पंखे पर 20 किलोग्राम से अधिक का भार आता है तो स्प्रिंग खुल जाती है। इसके साथ ही अलार्म भी बज जाता है। ऐसे में पास मौजूद लोगों को जानकारी हो जाता है कि किसी के द्वारा आत्महत्या का प्रयास किया जा रहा है। यह आत्महत्या विरोधी उपकरण के रूप में काम करता है।