कोटा स्टोन (लाइम स्टोन) का हब
कोटा और झालावाड़ जिला कोटा स्टोन (लाइम स्टोन) का हब है। यहां उच्च गुणवत्ता का लाइम स्टोन निकलता है, जिसकी घरेलू बाजार के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी काफी डिमांड है। अर्से से पत्थर उद्यमी स्टोन पार्क की मांग कर रहे थे।
रामगंजमंडी के गूंदी-फतेहपुर में पूरी तैयारी
राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 बजट में कोटा जिले में स्टोन मंडी-पार्क की घोषणा की थी। रीको की ओर से औद्योगिक क्षेत्र गुन्दी-फतेहपुर (रामगंजमंडी) की 18.834 हैक्टेयर भूमि पर स्टोन पार्क का नियोजन किया गया है, जिसमें 1500 से 4000 वर्गमीटर भूमि के कुल 79 औद्योगिक भूखण्ड नियोजित किए गए हैं। स्टोन पार्क स्थापित करने के लिए प्लानिंग कर पत्रावली प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दी है। आगामी दो-तीन माह में स्टोन पार्क की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। प्रस्तावित स्टोन पार्क भारत माला परियोजना में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे से नजदीक है। कोटा और झालावाड़ के स्टोन उद्यमियों के लिए उपयुक्त जगह है। स्टोन निर्यात के लिए कोनकोर डिपो भी नजदीक है।
बूंदी के कछालिया में 47.07 हैक्टेयर भूमि आवंटित
कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) के अधिकार क्षेत्र के बूंदी जिले की तालेड़ा तहसील के कछालिया गांव में 47.07 हैक्टेयर में स्टोन पार्क स्थापित किया जाएगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इस स्टोन पार्क की जमीन आवंटन को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद रीको ने 12.80 करोड़ रुपए की राशि जमा करवा दी है। इससे प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। निवेश, स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। खनिज आधारित उद्योगों को एक संगठित मंच मिलेगा। स्टोन पार्क में प्रदूषण मुक्त औद्योगिक इकाइयां की स्थापना की जा सकेगी। यूरोप देशों में सेण्ड स्टोन का काफी निर्यात होता है।
पत्रिका ने शुरू किया था अपना खनिज-अपना उद्योग अभियान
राजस्थान पत्रिका ने पिछले दिनों अपना खनिज-अपना उद्योग अभियान शुरू किया था। इसमें जिस जिले में जो खनिज निकलता है, उसकी प्रोसेसिंग इकाइयां लगाने की ओर से शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। लोकसभा अध्यक्ष ने कोटा और बूंदी में स्टोन पार्क की घोषणा की थी। अब दोनों जिलों में स्टोन पार्क बनाने की तैयारी है।