कोटा के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने किया सुसाइड, सॉरी के साथ 8 पन्नों का लिखा नोट, पुलिस ने कब्जे में लिया मोबाइल-लैपटॉप
Kota Dushyant Pandey: मृतक की पहचान दुष्यंत पांडे के रूप में हुई है जो कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और अपने सेवानिवृत्त माता-पिता के साथ देवाशीष सिटी में रहता था।
Kota Software Engineer Suicide Case: कोटा के बोरखेड़ा थाना क्षेत्र की देवाशीष सिटी में शुक्रवार को एक 35 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से निजी कर्ज और सूदखोरों की प्रताड़ना से परेशान था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
थाने के एएसआई मोहम्मद हुसैन के अनुसार मृतक की पहचान दुष्यंत पांडे के रूप में हुई है जो कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और अपने सेवानिवृत्त माता-पिता के साथ देवाशीष सिटी में रहता था। उसकी दोनों बहनें शादीशुदा हैं। बताया गया कि गुरुवार दोपहर वह घर के ऊपरी हिस्से में स्थित अपने कमरे में गया था लेकिन शुक्रवार सुबह तक बाहर नहीं आया।
परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया। जब भीतर से कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो दुष्यंत संदिग्ध अवस्था में मृत मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया और बाद में परिवार को सौंप दिया गया।
कर्ज चुकाने के बावजूद कर रहे थे परेशान
परिजनों ने बताया कि उन्होंने एक परिचित के माध्यम से लाखेरी निवासी व्यक्ति से कर्ज लिया था जिसके बदले दुष्यंत के बैंक अकाउंट से जुड़े 14 लाख रुपए के चेक दिए गए थे। बाद में कर्ज चुका देने के बावजूद वह व्यक्ति चेक वापस नहीं कर रहा था और दूसरों को दे दिए। इससे कई नए लोग भी दुष्यंत पर पैसे के लिए दबाव बनाने लगे। यहां तक कि लाखेरी की अदालत में उनके खिलाफ केस भी दर्ज करवा दिया गया।
पोस्टमार्टम रूम के बाहर बैठे परिजन (फोटो: पत्रिका)
सॉरी के साथ लिखा 8 पन्नों का सुसाइड नोट
दुष्यंत ने मरने से पहले 8 पन्नों का बड़ा सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने अपनी परेशानियों और लेन-देन का पूरा विवरण दिया है। उसने “सॉरी” शब्द कई बार लिखा और आरोप लगाया कि कोटा के केशवपुरा निवासी नरेंद्र नागर, रवि और लाखेरी के शंकर राय व रामभगत जैसे लोग लगातार उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे।
इतना ही नहीं, उसने सूदखोरों से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग एक पेन ड्राइव में सेव की और उसका मेल आईडी व पासवर्ड भी सुसाइड नोट में लिखा ताकि जांच में सारे सबूत के रूप में काम आ जाए। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है और सूदखोरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कब्जे में लिया मोबाइल-लैपटॉप
मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। थाना प्रभारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि मृतक के परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि मृतक के मोबाइल और लैपटॉप में कुछ सूदखोरों की जानकारी हो सकती है। इसी आधार पर पुलिस ने मोबाइल और लैपटॉप को कब्जे में लेकर उनकी फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का मानना है कि इन उपकरणों से सूदखोरों के नाम, लेन-देन और दबाव की परिस्थितियों का खुलासा हो सकता है। जांच के बाद जैसे ही किसी व्यक्ति की संलिप्तता सामने आती है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है ताकि मृतक को न्याय मिल सके।