Ghee Side Effects: इन 4 बीमारियों में घी खाना पड़ सकता है भारी, जानिए इसके नुकसान
Ghee Side Effects: घी को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन कुछ बीमारियों में इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। यहां जानिए उन 4 बीमारियों के बारे में जिनमें घी खाना सेहत पर भारी पड़ सकता है।
Ghee Side Effects प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो क्रेडिट- पत्रिका)
Ghee Side Effects: घी का नाम आते ही स्वाद और सेहत दोनों की बात होती है। रोटी पर लगाया हुआ घी या दाल में डाली गई घी की तड़का ये हर घर की रसोई में चार चांद लगा देता है। आयुर्वेद से लेकर दादी-नानी के नुस्खों तक घी (Ghee) को हमेशा फायदेमंद बताया गया है। लेकिन सेहत का ये साथी कुछ बीमारियों में उल्टा असर भी दिखा सकता है।
शरीर की कुछ खास स्थितियों में घी (Ghee) का सेवन नुकसानदेह साबित होता है। ऐसे में बिना सोचे-समझे इसे खाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। जानिए किन 4 बीमारियों में घी से दूरी बनाना चाहिए।
1. दिल की बीमारी में घी बढ़ा सकता है खतरा
अगर आपको हार्ट से जुड़ी कोई समस्या जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लॉकेज या हार्ट अटैक का खतरा तो घी से दूर रहना ही बेहतर है। घी में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इससे ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज बन सकती है और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को लो-फैट डायट लेना फायदेमंद हो सकता हैं।
घी (Ghee) बहुत हाई कैलोरी फूड है। अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं या पहले से ही मोटापे से परेशान हैं तो घी खाना आपकी मेहनत पर पानी फेर सकता है। 1 चम्मच घी में लगभग 120 कैलोरी होती है। बिना एक्सरसाइज के अगर घी खाया जाए तो शरीर में फैट तेजी से जमा होने लगता है, जिससे वजन और बढ़ सकता है।
3. फैटी लिवर में घी हो सकता है नुकसानदेह
जिन लोगों को फैटी लिवर की समस्या है उन्हें घी से बचना चाहिए। इस बीमारी में लिवर में फैट जमा हो जाता है और घी जैसे भारी फूड लिवर को और नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे लिवर की स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर अक्सर हल्का, कम वसा वाला खाना खाने की सलाह देते हैं।
4. पाचन की गड़बड़ी में घी से बढ़ सकती है परेशानी
अगर किसी को गैस, अपच या एसिडिटी की समस्या है तो घी खाने से परेशानी और बढ़ सकती है। ज्यादा घी पचाने में मुश्किल होता है और इससे पेट भारी लग सकता है। ऐसे लोगों को हल्का-फुल्का खाना ही खाना चाहिए ताकि पाचन तंत्र पर ज्यादा दबाव न पड़े।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।