ताड़ासन (Mountain Pose)
ताड़ासन शरीर को सीधा खड़ा रखने वाला आसन है, जो रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। यह आसन पैरों से लेकर सिर तक रक्त के प्रवाह को सुचारू करता है और पूरे शरीर को ऊर्जावान बनाता है।अधोमुख शवासन (Downward Dog Pose)
यह योगासन सिर की ओर रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण भरपूर मात्रा में मिलता है। यह हाथों, पैरों और पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।सेतुबंधासन (Bridge Pose)
सेतुबंधासन छाती, गर्दन और रीढ़ में खिंचाव लाता है, जिससे इन हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। यह हार्ट हेल्थ के लिए भी बेहद लाभकारी है।-पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़े और पैरों को जमीन पर रखें।
-हाथों को शरीर के पास रखें और धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर उठाएं।
-कमर, पीठ और छाती को ऊपर की ओर खींचें।
-20-30 सेकंड इस मुद्रा में रहें।
वज्रासन (Thunderbolt Pose)
यह एकमात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। यह पाचन को सुधारता है और निचले शरीर में रक्त प्रवाह को सुचारू करता है। कैसे करें-घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठ जाएं।
-दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और पीठ सीधी रखें।
-आंखें बंद करके 5-10 मिनट तक धीरे-धीरे सांस लें।
शलभासन (Locust Pose)
यह योगासन पीठ, कूल्हों और जांघों में रक्त संचार को बेहतर बनाता है। साथ ही यह रीढ़ की मजबूती और पाचन में भी मदद करता है। कैसे करें-पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को जांघों के पास रखें।
-अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर उठाएं (हाथ और छाती जमीन पर ही रहें)।
-इस मुद्रा को 20 सेकंड तक बनाए रखें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं।
नियमित अभ्यास से मिलेंगे ये फायदे
-पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्व आसानी से पहुंचते हैं।-मानसिक तनाव में कमी और बेहतर नींद।
-थकावट, शरीर में अकड़न और सूजन से राहत।
-हृदय रोगों की संभावना में कमी।
-शारीरिक ऊर्जा और एकाग्रता में वृद्धि।