जमीन वापस लेकर शुरू की गई परियोजना
एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के अनुसार सहारा समूह को पूर्व में लीज पर दी गई 75 एकड़ ग्रीन बेल्ट की जमीन को विकास प्राधिकरण ने नियमों के तहत वापस ले लिया है। इस जमीन पर अब गोमती जैव विविधता पार्क का निर्माण किया जाएगा, जो लखनऊ का पहला ऐसा संरक्षित पर्यावरणीय क्षेत्र होगा, जहां विलुप्त होती प्रजातियों को संजोकर रखा जाएगा।
पौधारोपण के साथ परियोजना की शुरुआत
गोमती बायो-डायवर्सिटी पार्क की शुरुआत एक प्रतीकात्मक पौधारोपण कार्यक्रम के साथ हुई। कार्यक्रम में मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब, जिलाधिकारी विशाख जी, डीएफओ सितांशु पांडेय, एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार और नगर आयुक्त गौरव कुमार मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने मिलकर पार्क की नींव रखी और परियोजना के प्रारंभ का संकेत दिया।
पार्क का पहला चरण: 25 एकड़ में विकास
प्रारंभिक चरण में 25 एकड़ क्षेत्र में बाउंड्रीवॉल, इंट्री गेट, पार्किंग, प्रशासनिक कार्यालय, पाथवे, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, वॉच टावर और अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। एलडीए अधिकारियों ने बताया कि पार्क के अंदर बच्चों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया प्ले जोन और पर्यटकों के लिए वॉच टावर की व्यवस्था भी होगी, जिससे लोग गोमती नदी और हरियाली का आनंद ले सकें। जैव विविधता का संरक्षण और पारिस्थितिकी का पुनरुद्धार
पार्क में
गोमती नदी के बेसिन में पाई जाने वाली विलुप्त होती प्रजातियों के पौधों को एकत्र कर संरक्षित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, फलदार वृक्षों का बाग, औषधीय पौधों का गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन भी तैयार किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय शिक्षा और जैव विविधता के महत्व को बढ़ावा मिलेगा।
यमुना बायो-डायवर्सिटी पार्क के विशेषज्ञों से सहयोग
दिल्ली में स्थित यमुना बायो-डायवर्सिटी पार्क को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से इस परियोजना में तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। एलडीए का मानना है कि इससे लखनऊ के पार्क को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से डिज़ाइन करने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर तरीके से बहाल करने में मदद मिलेगी।
जेवर एयरपोर्ट और अन्य विकास कार्यों से लिंक
यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। पार्क को शहर के अन्य बड़े विकास कार्यों से भी जोड़ा जाएगा जैसे जनेश्वर मिश्र पार्क और जेवर एयरपोर्ट तक भविष्य में आसान कनेक्टिविटी की संभावना।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा
एलडीए अधिकारियों के अनुसार, यह पार्क न केवल हरियाली बढ़ाने का कार्य करेगा, बल्कि नागरिकों के बीच पर्यावरणीय जागरूकता भी फैलाएगा। स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिए शैक्षणिक भ्रमण, पर्यावरणीय वर्कशॉप और जैव विविधता संरक्षण की जानकारी देने के उद्देश्य से विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
रोजगार और पर्यटन की संभावनाएं
एलडीए का मानना है कि इस परियोजना से लखनऊ के निवासियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। पार्क के रख-रखाव, गाइड, सुरक्षा, बागवानी, पार्किंग और अन्य सुविधाओं के संचालन में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, यह स्थल पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
भविष्य की दिशा में एक अहम कदम
गोमती नदी के आसपास ग्रीन बेल्ट की बहाली और जैव विविधता का संरक्षण एक ऐसी पहल है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण सुनिश्चित करेगी। एलडीए का यह प्रयास राजधानी लखनऊ को एक ग्रीन सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।