Lucknow में लागू हुआ नया व्हीकल एक्ट: नाबालिग ड्राइविंग पर अभिभावकों को सजा, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना
क्या है हीट वेव के खतरे
डॉक्टरों के अनुसार अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है, जिससे दो प्रमुख स्थितियां उत्पन्न होती हैं:- हीट एक्जॉश्चन (Heat Exhaustion)
- हीट स्ट्रोक (Heat Stroke)
- हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है और इसमें मरीज को तुरंत कोल्ड रूम में भर्ती करना जरूरी होता है।

बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि:“हमने ओपीडी में हेल्थ डेस्क बनाई है जो लोगों को जागरूक करेगी। इसके अलावा इमरजेंसी में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए विशेष वार्ड तैयार किया गया है। प्राथमिक और गंभीर दोनों स्तर पर इलाज की पूरी व्यवस्था रहेगी।”
प्रदेश के सरकारी भवनों में लगेगा सौर ऊर्जा का उजाला, योगी सरकार का बड़ा कदम
सीएमओ एन.वी. सिंह ने दिए सख्त निर्देश
सीएमओ डा. एनवी सिंह ने कहा: “सभी ग्रामीण सीएचसी व पीएचसी को कोल्ड रूम तैयार करने और एसी-कूलर की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। आईसपैक, आवश्यक दवाएं और ओआरएस की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।”लोगों को दिए गए ये बचाव के सुझाव
- दोपहर 12 से 3 बजे तक धूप में बाहर न निकलें।
- खूब पानी पियें – प्यास न लगे तब भी।
- सूती, हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें।
- गमछा, टोपी, छाता और धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें।
- लस्सी, नींबू पानी, आम पना, छांछ जैसे पेय पदार्थ लें।
- जानवरों को छांव में रखें और भरपूर पानी दें।
- शराब, चाय और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचें।
- संतुलित और हल्का भोजन करें।
यूपी रोडवेज में महिलाओं को बड़ी सौगात, 5000 महिला कंडक्टरों की होगी भर्ती – जानें पूरी प्रक्रिया
क्या न करें – स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
- बच्चों और पालतू जानवरों को धूप में खड़े वाहनों में न छोड़ें।
- बासी खाना और ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन से बचें।
- खिड़कियां ढंक कर रखें ताकि बाहर की गर्मी अंदर न आए।
- सूर्य के सीधे संपर्क से बचें, जहां तक संभव हो घर में रहें।
कोल्ड रूम विशेष रूप से ऐसे मरीजों के लिए बनाए जा रहे हैं जो अत्यधिक गर्मी के कारण बेहोशी या चक्कर जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। यहां ठंडी हवा, बर्फ के पैक और मेडिकल मॉनिटरिंग के साथ तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
शिक्षकों के परस्पर तबादले की प्रक्रिया शुरू, पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों से फंसे हजारों आवेदन
ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यानग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सीमितता को ध्यान में रखते हुए, सीएचसी स्तर पर AC, कूलर और आवश्यक दवाएं पहले से ही भेजी जा रही हैं। साथ ही ग्रामीण लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
वर्तमान स्थिति: हीट स्ट्रोक के मरीज अभी नहीं, पर खतरा बना हुआ है

हीट वेव से लड़ने के लिए बनी रणनीति
रणनीति | विवरण |
कोल्ड रूम | सभी अस्पताल और सीएचसी में बन रहे |
ओआरएस काउंटर | हर अस्पताल में उपलब्ध |
आईसपैक | रिजर्व में रखा जा रहा |
हेल्थ डेस्क | OPD में जागरूकता अभियान |
दवाएं | स्टॉक तैयार |
मेडिकल स्टाफ | 24×7 ड्यूटी पर तैनात |
अयोध्या में भक्तों की भीड़ संभालने को रेलवे अलर्ट, जरूरत पड़ने पर लखनऊ से भी चलेंगी स्पेशल ट्रेनें
सतर्क रहें, सुरक्षित रहेंहीट वेव एक प्राकृतिक आपदा की तरह है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। लेकिन थोड़ी सी सावधानी और सरकारी प्रयासों की मदद से इससे सुरक्षित रहा जा सकता है। सरकार, प्रशासन और डॉक्टर सभी मिलकर इस गर्मी से लड़ने को तैयार हैं,अब ज़रूरत है कि आम जनता भी इन निर्देशों का पालन करे और दूसरों को भी जागरूक करे।