KGMU Robotic Surgery Wing: सीएम योगी ने रखी केजीएमयू के रोबोटिक सर्जरी भवन की नींव, मिलेगा हाईटेक इलाज
Yogi Adityanath Lays Foundation for KGMU Robotic Surgery Wing: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित केजीएमयू में 378 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले जनरल सर्जरी के नये भवन की नींव रखी। यह भवन अत्याधुनिक तकनीक, रोबोटिक सर्जरी, 12 ऑपरेशन थिएटर और सोलर एनर्जी से लैस होगा, जिससे मरीजों को हाईटेक इलाज मिलेगा और वेटिंग खत्म होगी।
रोबोट से होगी मरीजों की सर्जरी
फोटो सोर्स : Patrika
KGMU Robotic Surgery Wing: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नए जनरल सर्जरी भवन की नींव रखी। यह भवन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक बड़ी सौगात माना जा रहा है। 378 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह सर्जरी भवन दो वर्षों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा, जिसमें रोबोटिक सर्जरी जैसी अत्याधुनिक तकनीक से मरीजों का इलाज संभव होगा।
केजीएमयू को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले आठ वर्षों में केजीएमयू को अभूतपूर्व संसाधन और तकनीकी उन्नयन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, “केजीएमयू केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में शामिल हो रहा है। नया जनरल सर्जरी भवन मरीजों के लिए जीवनदायी साबित होगा।” सीएम योगी ने यह भी कहा कि भविष्य में रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ही नहीं, बल्कि मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च के क्षेत्र में भी यूपी देश का नेतृत्व करेगा।
नया सर्जरी भवन: सुविधाओं से लैस 7 मंजिला इमारत
KGMU प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि नया जनरल सर्जरी भवन आधुनिक चिकित्सा की दृष्टि से अत्यंत उन्नत होगा। सात मंजिला यह भवन मेडिकल तकनीकों की उन्नति का प्रतीक होगा, जिसमें निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:
12 अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर
12 बेड का ICU
मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम
नेटवर्किंग सिस्टम
सोलर पैनल से संचालित ऊर्जा आपूर्ति
पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत रोबोटिक सर्जरी प्रणाली
प्रो. सिंह ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर विभागाध्यक्ष का कार्यालय, एचआरएफ स्टोर, पेशेंट वेटिंग एरिया, प्लाज्मा स्टेरिलाइजेशन सिस्टम, प्री-एनेस्थीसिया कक्ष, और पोस्ट ऑप वार्ड बनाया जाएगा। वहीं पहले तल पर प्रोफेसर कक्ष, एंडोस्कोपी रूम, डे केयर ओटी, और सर्जरी लाइब्रेरी होगी।
बेसमेंट: प्रशिक्षण और शोध की आधुनिक व्यवस्था
नए भवन के बेसमेंट में मुख्य सर्जरी कार्यालय, चिकित्सा रिकॉर्ड रूम, फैकल्टी कैन्टीन, क्लास रूम, कमेटी रूम, लेक्चर हॉल, स्किल लैब, और UG-PG सेक्शन ऑफिस स्थापित किए जाएंगे। यह पूरी संरचना KGMU को न केवल चिकित्सकीय सेवाओं के मामले में बल्कि शिक्षा और शोध के क्षेत्र में भी मजबूती देगी।
वेटिंग खत्म, मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
जनरल सर्जरी में अब तक मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। सीमित संसाधनों के कारण कई बार सर्जरी की तारीखें महीनों आगे दी जाती थीं। अब नए भवन के बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी। प्रो. सिंह के अनुसार, “सर्जरी की लंबी प्रतीक्षा सूची कम होगी, अधिकतम रोगियों को समय पर उच्च गुणवत्ता की सर्जिकल सुविधा मिल सकेगी।”
रोबोटिक सर्जरी
नए भवन की सबसे बड़ी विशेषता रोबोटिक सर्जरी सिस्टम है, जो उत्तर प्रदेश के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पहली बार इतना व्यापक रूप में उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक जटिल सर्जरी को अधिक सटीकता, कम रक्तस्राव, और कम रिकवरी समय के साथ संभव बनाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति आएगी।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील निर्माण
यह भवन ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। सोलर सिस्टम से संचालित होने वाली विद्युत व्यवस्था, प्लाज्मा स्टेरिलाइजेशन, और मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं इसे पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनाएंगी। इससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि भविष्य में परिचालन लागत भी कम होगी।
KGMU: चिकित्सा और मानव सेवा का नया केंद्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में केजीएमयू को उत्तर भारत का मेडिकल हब बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। हाल ही में शुरू हुई न्यू कॉर्डियोलॉजी विंग, हाईटेक ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर, और अब नया जनरल सर्जरी भवन इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। CM योगी ने साफ किया कि “प्रदेश के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिले, इसके लिए सरकार सतत प्रयास कर रही है। आने वाले समय में मेडिकल टूरिज्म की दिशा में भी यूपी अग्रसर होगा।”
378 करोड़ की लागत से बनने वाला यह सर्जरी भवन उत्तर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को नई दिशा देगा। यह न केवल हजारों मरीजों के लिए राहत देगा, बल्कि मेडिकल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए भी उत्कृष्ट मंच होगा। केजीएमयू एक बार फिर से यह साबित कर रहा है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो सरकारी संस्थान भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सेवाएं दे सकते हैं।
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