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मुहम्मद शुकुरुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी माने जाते थे। उनके निधन पर कई बड़े राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।राजनीतिक सफर: संघर्ष से सफलता तक का सफर
- मुहम्मद शुकुरुल्लाह अंसारी ने 2003 में समाजवादी युवजन सभा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उनके मेहनत और समर्पण को देखते हुए 2011 में उन्हें समाजवादी पार्टी का जिला महासचिव बनाया गया।
- 2019 लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकिन वहां ज्यादा समय तक सक्रिय नहीं रहे। 2020 में वे पुनः सपा में लौट आए और पार्टी संगठन को मजबूती देने के लिए काम करने लगे।
- 2023 में उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें समाजवादी पार्टी के कुशीनगर जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने अपने कार्यकाल में संगठन को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया।
- शुकुरुल्लाह अंसारी गांव की प्रधान पद पर भी कई बार निर्वाचित हो चुके थे और उन्होंने हमेशा स्थानीय जनता की भलाई के लिए कार्य किया।
जनता के नेता: समाज सेवा में भी निभाई अहम भूमिका
शुकुरुल्लाह अंसारी सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि एक समाजसेवी भी थे। वे गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं में भी सक्रिय भूमिका निभाई।उनके समर्थक उन्हें “जनता का नेता” मानते थे क्योंकि वे आम लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते और समाधान निकालने की हर संभव कोशिश करते थे।
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राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से समाजवादी पार्टी, उनके समर्थकों और स्थानीय लोगों में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।