DGP राजीव कृष्ण से मिले 34 पीपीएस अफसर, कानून-व्यवस्था और साइबर क्राइम पर खास जोर
DGP Meeting: लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण से 34 पीपीएस अधिकारियों ने मुलाकात की। डीजीपी ने कानून-व्यवस्था, साइबर क्राइम, फॉरेंसिक साइंस और जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण पर जोर देते हुए अधिकारियों को अपने कार्यों में सुधार और जनता के विश्वास को मजबूत बनाने के निर्देश दिए।
फोटो सोर्स : Patrika: कानून-व्यवस्था, साइबर क्राइम और जन शिकायतों के निस्तारण पर विशेष जोर, अधिकारियों को दी गई महत्वपूर्ण ब्रीफिंग
DGP Meeting Rajiv Krishan: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को पुलिस विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण दिन रहा। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण से प्रदेश के 34 पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों ने मुलाकात की। इस दौरान डीजीपी ने अफसरों को कानून-व्यवस्था, साइबर क्राइम, फॉरेंसिक साइंस और जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण से संबंधित कई अहम दिशा-निर्देश दिए। यह मुलाकात न केवल एक औपचारिक शिष्टाचार भेंट थी, बल्कि इसका उद्देश्य अफसरों को प्रेरित करना, नई चुनौतियों के प्रति जागरूक करना और पुलिसिंग में सुधार को बढ़ावा देना था। डीजीपी ने इस मौके पर अपने व्यापक अनुभव को साझा करते हुए अफसरों को कई व्यावहारिक सुझाव भी दिए।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बातचीत के दौरान विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि किसी भी जिले या थाने में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में नियमित ब्रीफिंग की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा, “ब्रीफिंग के जरिए न केवल अफसरों को अपने कार्यों की दिशा स्पष्ट होती है, बल्कि वे अपराध नियंत्रण और जनता की समस्याओं के समाधान में भी अधिक प्रभावी साबित होते हैं।”डीजीपी ने अफसरों से अपेक्षा जताई कि वे अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को भी नियमित ब्रीफिंग दें ताकि सभी का दृढ़ मानसिकता और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करना सुनिश्चित हो सके।
फॉरेंसिक साइंस और साइबर क्राइम पर विशेष फोकस
बढ़ते साइबर अपराध और तकनीक के बदलते स्वरूप को देखते हुए डीजीपी ने अफसरों को साइबर क्राइम और फॉरेंसिक साइंस की जानकारी को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “आज के दौर में अपराधों की जांच के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल अत्यावश्यक हो गया है। फॉरेंसिक साइंस और साइबर अपराध से जुड़ी जानकारी से न केवल अपराधियों को सटीक तरीके से पकड़ा जा सकता है, बल्कि मजबूत साक्ष्य के आधार पर सजा दिलाने में भी मदद मिलती है।”डीजीपी ने अफसरों को निर्देश दिया कि वे समय-समय पर साइबर क्राइम से संबंधित प्रशिक्षण लें और अपने मातहतों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
बैठक के दौरान डीजीपी ने जन शिकायतों के त्वरित और प्रभावी निस्तारण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि समाज में तभी बेहतर होती है जब आम नागरिकों की शिकायतों को समय पर और न्यायसंगत ढंग से निस्तारित किया जाए। उन्होंने अफसरों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी स्थिति में शिकायतों को लंबित न रखा जाए। “आप सभी का यह दायित्व है कि जनता को न्याय मिले और उनकी समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से हो। इससे जनता का पुलिस पर विश्वास मजबूत होता है,” डीजीपी ने कहा।
युवा अफसरों के उत्साहवर्धन पर विशेष ध्यान
डीजीपी राजीव कृष्ण ने यह भी कहा कि पुलिस बल में कार्यरत युवा और नव प्रशिक्षित पीपीएस अफसरों में गजब की ऊर्जा और नवीन सोच है। उन्होंने अफसरों को सलाह दी कि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं और तकनीक का भरपूर इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा, “युवा अफसरों को चाहिए कि वे पारंपरिक पुलिसिंग के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी पुलिसिंग में दक्षता हासिल करें ताकि आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें।”
बैठक के दौरान कई पीपीएस अधिकारियों ने भी अपने क्षेत्रीय अनुभव और चुनौतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह वे साइबर क्राइम के मामलों में नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं और जनता के बीच पुलिस के प्रति विश्वास कायम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। कुछ अफसरों ने यह भी बताया कि वे जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। डीजीपी ने उनके प्रयासों की सराहना की और कहा कि इन सकारात्मक पहलों को अन्य जिलों में भी लागू किया जाना चाहिए।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने स्पष्ट किया कि इस तरह की मुलाकातों का उद्देश्य सिर्फ औपचारिकता निभाना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां अफसरों को प्रेरित किया जा सकता है, नई जानकारियों से लैस किया जा सकता है और पुलिसिंग के क्षेत्र में सुधार के लिए सामूहिक सोच विकसित की जा सकती है। उन्होंने कहा, “आप सभी अपनी भूमिका को समझें और प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपना सर्वोत्तम योगदान दें। समाज की बदलती अपेक्षाओं के अनुरूप पुलिस को भी अपने कार्यों में निरंतर सुधार करना होगा।”
पुलिस विभाग में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम
इस बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिला कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग अब तकनीक और दक्षता आधारित पुलिसिंग की ओर तेजी से अग्रसर है। डीजीपी के दिशा-निर्देशों से अफसरों को अपने कार्य में नया दृष्टिकोण और कार्यकुशलता विकसित करने में सहायता मिलेगी। लखनऊ में हुई यह बैठक प्रदेश की पुलिसिंग प्रणाली में सुधार और आधुनिक तकनीक के समावेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। डीजीपी राजीव कृष्ण के नेतृत्व में यह उम्मीद की जा सकती है कि जनशिकायतों का त्वरित निस्तारण, साइबर क्राइम के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई और फॉरेंसिक साइंस के उपयोग के जरिए अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा। पीपीएस अफसरों ने भी बैठक के बाद कहा कि वे डीजीपी के मार्गदर्शन को अपने कार्यों में आत्मसात करेंगे और जनसेवा और कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए और अधिक समर्पण भाव से कार्य करेंगे।
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