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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी अब तक सरकार के खिलाफ कई मोर्चों पर आवाज उठा चुकी है, और अब वह इस सत्र के दौरान विधानमंडल में भाजपा सरकार के खिलाफ एक मजबूत विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है।समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल सत्र के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सपा के नेता राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ विधानसभा और सड़क दोनों जगह आक्रामक आंदोलन की योजना बना रहे हैं। पार्टी के मुख्य मुद्दे निम्नलिखित हैं:
सपा ने राज्य सरकार के बिजली के निजीकरण की नीति का विरोध करना शुरू कर दिया है। पार्टी का आरोप है कि निजीकरण से आम जनता को महंगी बिजली मिलेगी और इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट और बढ़ेगा। सपा विधायकों ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की योजना बनाई है।
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कानून व्यवस्थाप्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आरोप सपा लगातार उत्तर प्रदेश सरकार पर लगाती रही है। पार्टी का कहना है कि राज्य में अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है, और खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और दलितों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है। इस मुद्दे पर सपा सरकार को घेरने के लिए तैयार है।
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर भी सपा ने सरकार को निशाने पर लिया है। कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, अस्पतालों में बेड की कमी और चिकित्सा सुविधाओं के अभाव को लेकर सपा ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अब सपा इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का मन बना चुकी है।
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संभल और बहराइच की घटनाएंप्रदेश में हाल ही में संभल और बहराइच में हुई घटनाओं को लेकर भी सपा ने सरकार से जवाब मांगने की योजना बनाई है। इन घटनाओं से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे हैं, और सपा इसे विधानसभा में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है।
समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल सत्र के लिए अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए आज शाम 4 बजे सपा विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सपा विधायकों को आगामी सत्र के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे और साथ ही विरोध प्रदर्शन के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। सपा इस सत्र को लेकर एकजुटता बनाए रखने पर जोर दे रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आगामी सत्र में उनकी पार्टी सरकार की नीतियों को लेकर तीखा सवाल उठाएगी और जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी।
17 दिसंबर को सुबह 10 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने विधायकों के साथ पार्टी कार्यालय में बैठक करेंगे। इस बैठक में विधानमंडल सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में जनता से जुड़ी समस्याओं को उठाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य सपा को विधानसभा में एक मजबूत विपक्ष के रूप में स्थापित करना है और इसके लिए पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ सरकार से सवाल पूछने के लिए तैयार है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठकउत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के पहले आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में विधान भवन में सर्वदलीय बैठक होगी। यह बैठक सुबह 12.30 बजे होगी, जिसमें सभी दलों के नेताओं से सदन के शांतिपूर्ण और सुचारू संचालन के लिए सहयोग की अपील की जाएगी। सीएम योगी ने कहा है कि वह सभी दलों से इस सत्र को सकारात्मक तरीके से चलाने की अपील करेंगे, ताकि प्रदेश के विकास पर फोकस किया जा सके और राज्य की जनता के हित में निर्णय लिए जा सकें।
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वहीं विपक्षी दलों द्वारा सदन का समय बढ़ाने और अन्य मांगें रखी जा सकती हैं। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, सुभासपा, रालोद, अपना दल (एस), निषाद पार्टी, कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता भी शामिल होंगे।समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल सत्र के दौरान सड़क पर भी विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। पार्टी का लक्ष्य विधानसभा के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार को घेरने का है। सपा ने तय किया है कि वह सड़क पर भी जनसभाएं आयोजित करेगी, ताकि प्रदेश की जनता के मुद्दों को उठाया जा सके। सपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि विधानसभा में केवल सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता के मुद्दों पर भी चर्चा हो, ताकि वास्तविक समस्याएं सामने आ सकें।