scriptUP Police Big Decision 2025: अब पति-पत्नी एक ही जिले में कर सकेंगे नौकरी – जानिए नया आदेश | UP Police Couples Can Now Work Same District – DGP Issues Compassionate Posting Order | Patrika News
लखनऊ

UP Police Big Decision 2025: अब पति-पत्नी एक ही जिले में कर सकेंगे नौकरी – जानिए नया आदेश

UP Police DGP Order:   उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने एक जनहितकारी निर्णय लेते हुए पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी को एक ही जिले में तैनाती की अनुमति दे दी है। डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी आदेश से हजारों पुलिसकर्मियों को पारिवारिक स्थिरता और विभागीय समन्वय का लाभ मिलेगा। यह कदम बेहद सराहनीय माना जा रहा है।

लखनऊMay 22, 2025 / 09:15 am

Ritesh Singh

पति-पत्नी दोनों पुलिस वर्दी में, अब साथ निभाएंगे कर्तव्य और पारिवारिक जिम्मेदारियां, एक ही जिले में तैनाती के फैसले ने बढ़ाया मनोबल।

पति-पत्नी दोनों पुलिस वर्दी में, अब साथ निभाएंगे कर्तव्य और पारिवारिक जिम्मेदारियां, एक ही जिले में तैनाती के फैसले ने बढ़ाया मनोबल।

 UP Police Decision: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग से जुड़े हजारों परिवारों के लिए यह सप्ताह नई उम्मीद और राहत लेकर आया है। डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा गया है कि पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी को अब एक ही जिले (जनपद) में तैनाती दी जा सकेगी, विशेषकर उन मामलों में जो अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति से संबंधित हैं। इस निर्णय को न केवल पारिवारिक जीवन को स्थिरता प्रदान करने वाला माना जा रहा है, बल्कि विभागीय समन्वय और मनोबल को मजबूत करने वाला कदम भी करार दिया गया है।
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क्या है नया आदेश

डीजीपी कार्यालय से जारी जनहितकारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि पति-पत्नी दोनों पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, तो उन्हें संभव हो तो एक ही जिले में पोस्टिंग दी जाएगी। यह नीति उन दंपतियों पर भी लागू होगी जिन्हें अनुकंपा (Compassionate Ground) के आधार पर नियुक्त किया गया है। इसका उद्देश्य न केवल पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखना है, बल्कि कार्यस्थल पर भी सामंजस्यपूर्ण माहौल बनाना है।
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क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण

पुलिस बल में कार्यरत अधिकारियों का जीवन अक्सर कठिन और व्यस्त होता है। शिफ्ट ड्यूटी, आपात स्थिति और कानून-व्यवस्था से जुड़े कामों के कारण उन्हें अक्सर अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है। ऐसे में जब पति-पत्नी दोनों पुलिस विभाग में हों और अलग-अलग जिलों में तैनात हों, तो यह न केवल पारिवारिक तनाव को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।
UP Police Big Decision

इस आदेश के आने के बाद

  • पति-पत्नी एक साथ रह सकेंगे।
  • बच्चों की परवरिश और पारिवारिक जिम्मेदारियां बेहतर ढंग से निभाई जा सकेंगी।
  • महिला पुलिसकर्मियों के लिए यह एक बड़ा राहत भरा कदम है।
  • यह नीति ‘सामाजिक समरसता और कार्यस्थल सहूलियत’ की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।

अब तक का प्रभाव

डीजीपी के आदेश के बाद कुछ ही दिनों में राज्य के विभिन्न जिलों में कई पुलिस दंपतियों को एक साथ पोस्टिंग दी जा चुकी है। इससे विभागीय कार्यों में भी समन्वय बढ़ा है और ऑफिस वर्क के दौरान एक बेहतर समझ बनी है। इससे: ट्रांसफर मामलों में पारदर्शिता आई है। नकारात्मक भावनाओं और तनाव में कमी देखी गई है। महिला सशक्तिकरण को भी बल मिला है।

अनुकंपा नियुक्ति पर क्या है असर

अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति उन मामलों में दी जाती है जब किसी पुलिसकर्मी की असमय मृत्यु हो जाती है और उसके परिवार को जीविका चलाने हेतु नियुक्ति मिलती है। कई बार पत्नी या बेटा-बेटी पुलिस विभाग में शामिल होते हैं, परंतु उन्हें अलग जिलों में भेज दिया जाता है।
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अब इस नीति के बाद 

  • अनुकंपा से नियुक्त व्यक्ति को पति या पत्नी के साथ उसी जिले में तैनाती दी जा सकेगी।
  • इससे संवेदनशील परिवारों को राहत मिलेगी।
  • प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी यह मानवीयता से जुड़ा फैसला है।

पुलिसकर्मियों की प्रतिक्रिया

सुब इंस्पेक्टर संजीव कुमार, अलीगढ़: “अब हम दोनों (पत्नी और मैं) एक साथ रहकर अपने परिवार को समय दे पा रहे हैं। यह एक सराहनीय पहल है।” हेड कांस्टेबल रीना यादव, प्रयागराज: “इससे हमारे बच्चों को माता-पिता दोनों की उपस्थिति मिल रही है, जो पहले संभव नहीं था।”
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क्या है आगे की योजना

विभाग जल्द ही एक केंद्रीय ऑनलाइन प्रणाली विकसित कर सकता है, जिसमें पति-पत्नी की जानकारी अपलोड कर उनके स्थानांतरण को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सके। भविष्य में यह नीति अन्य सेवाओं जैसे चिकित्सा, शिक्षा और प्रशासनिक विभागों में भी लागू हो सकती है।

 नवीनता और उद्देश्य

  • मूल उद्देश्य: पुलिस बल में संवेदनशीलता, पारिवारिक स्थिरता, और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना।
  • सकारात्मक बदलाव: एक मजबूत, सहायक और समर्पित पुलिस बल का निर्माण करना।

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डीजीपी प्रशांत कुमार का यह आदेश उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के सुधारवादी दृष्टिकोण की मिसाल है। जहां एक ओर यह आदेश परिवारिक जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, वहीं दूसरी ओर यह पुलिस विभाग में मानवाधिकार और वेलफेयर पॉलिसी के लिहाज से भी एक क्रांतिकारी पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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