खुशनुमा होगा मौसम: लखनऊ समेत कई जिलों में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी
हालांकि इस अफवाह की सच्चाई अब सामने आ चुकी है।
मौसम वैज्ञानिक एम. दानिश ने इस पूरे संदेश को भ्रामक और पूरी तरह फर्जी करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि न तो भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और न ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की ओर से ऐसा कोई अलर्ट जारी किया गया है।
क्या है वायरल संदेश में
वायरल हो रहे संदेश में लिखा गया है:“भारत सरकार द्वारा हाई अलर्ट जारी – 29 अप्रैल से 2 जून तक देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान 45 से 55 डिग्री सेल्सियस तक जाएगा। कृपया सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक घर से बाहर न निकलें। कार में गैस, लाइटर या मोबाइल फोन न छोड़ें। केवल ठंडी चीजों का सेवन करें, जैसे दही, मट्ठा, बेल का रस आदि।” संदेश को सरकारी चेतावनी के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है, जिससे आम जनता में भ्रम और भय का माहौल बन रहा है।
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एम. दानिश ने क्या कहा
मौसम विशेषज्ञ एम. दानिश ने कहा कि “यह पूरी तरह से गढ़ा गया, असत्य और आधारहीन संदेश है। गर्मी के मौसम में सावधानी बरतना जरूर जरूरी है, लेकिन 55 डिग्री सेल्सियस का दावा वैज्ञानिक रूप से भी असंभव और अतिरंजित है। IMD ने इस तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। कृपया अफवाहों से बचें।”विशेषज्ञों की राय
जलवायु विज्ञानी प्रो. राजेश शुक्ला बताते हैं कि “भारत के अधिकांश मैदानी क्षेत्रों में औसतन अधिकतम तापमान 42-45 डिग्री तक ही जाता है। 55 डिग्री सेल्सियस जैसी स्थिति केवल दुनिया के सबसे गर्म रेगिस्तानी इलाकों में होती है। ऐसी कोई आशंका भारत में नहीं है।”
जनता से अपील
एम. दानिश और मौसम विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि असत्यापित मैसेज फॉरवर्ड न करें। केवल सरकारी वेबसाइट्स (जैसे www.imd.gov.in) और अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स से ही मौसम संबंधित जानकारी लें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ साइबर क्राइम शाखा में शिकायत करें।यूपी में मौसम ने ली दो जानें: तेज हवाओं और बारिश से जनजीवन प्रभावित, किसानों को झटका
गर्मी से बचाव के सुझाव
- हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनें।
- धूप में निकलते समय सिर और चेहरा ढकें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी और नारियल पानी, मट्ठा, बेल का रस लें।
- सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारी काम और बाहरी गतिविधियों से बचें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
- हीट स्ट्रोक के लक्षण जैसे चक्कर, कमजोरी या बेहोशी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए सलाह
- संदेशों को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य करें।
- “फॉरवर्डेड मेसेज” में लिखी चेतावनियों को सरकारी आदेश मानना भ्रमित करने वाला हो सकता है।
- अफवाह फैलाने पर आईटी एक्ट और साइबर कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है।
- उन्होंने कहा कि फर्जी अलर्ट जैसे वायरल संदेश सिर्फ भय फैलाते हैं और गलत सूचनाओं का स्रोत बनते हैं। जनता को सतर्क और जागरूक रहकर इनका मुकाबला करना चाहिए। मौसम विभाग की ओर से फिलहाल कोई हाई अलर्ट नहीं जारी किया गया है। भीषण गर्मी से बचाव जरूरी है, लेकिन फर्जी चेतावनियों के जाल में फंसना नहीं।