Yogi Government: यूपी में कानून का लोहे जैसा शिकंजा: 2.16 लाख पुलिस भर्ती, जानिए खास बात
UP Security Revolution: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आठ वर्षों में पुलिस बल के ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। पारदर्शी प्रक्रियाओं के तहत 2.16 लाख पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई, जिनमें 27 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हैं। कानून-व्यवस्था, तकनीकी सुधार और महिला सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया गया है।
27 हज़ार महिला पुलिस भर्ती , 8 वर्षों में यूपी पुलिस ने रचा नया कीर्तिमान फोटो सोर्स :Patrika
Yogi Government Police Recruitment: उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की छवि में बीते आठ वर्षों में ऐतिहासिक सुधार देखने को मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को न केवल नई दिशा दी है, बल्कि पुलिस बल के ढांचे को भी अभूतपूर्व स्तर तक मजबूत किया है। एक समय पर दंगों और अपराधों के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश को आज देश ही नहीं, विदेशों में भी बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए पहचाना जा रहा है।
सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 से अब तक यूपी पुलिस बल में 2 लाख 16 हजार से अधिक नई भर्तियां की गई हैं। इनमें 27,178 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं। ये भर्तियां निष्पक्ष, पारदर्शी और डिजिटल प्रक्रिया के जरिए की गईं, जिससे युवाओं का भरोसा सरकारी तंत्र में और भी मजबूत हुआ।
500 खिलाड़ियों को मिला सेवा का अवसर
राज्य सरकार ने न केवल शैक्षणिक योग्यताओं बल्कि खेल प्रतिभाओं को भी सम्मान दिया है। कुल 500 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को यूपी पुलिस बल में शामिल किया गया है, जिससे पुलिस बल न केवल शारीरिक दृष्टि से और सक्षम हुआ है बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना है।
सीएम योगी के निर्देशन में प्रदेश में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में पारदर्शी तरीके से नियुक्त किया गया। वहीं, संविदा के आधार पर 3.75 लाख से अधिक पदों पर नियुक्ति की गई। निजी क्षेत्र और एमएसएमई (MSME) के जरिए 2 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराए गए, जिससे न केवल अपराध दर में गिरावट आई बल्कि सामाजिक स्थिरता भी बढ़ी।
कुल कार्यरत पुलिसकर्मी: 4.21 लाख से अधिक
वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 4.21 लाख से अधिक पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। यह किसी भी राज्य पुलिस बल के लिहाज से एक बड़ा आंकड़ा है और इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में देश में लागू तीन नए आपराधिक कानूनों
1 . भारतीय न्याय संहिता (BNS)
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
3 . भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BEB)
को सफलतापूर्वक लागू कर प्रदेश को कानून व्यवस्था की नई तकनीकी दिशा में अग्रसर किया है। इन कानूनों के तहत अपराधियों पर तेज, पारदर्शी और तकनीकी आधारित कार्रवाई संभव हो सकी है।
फॉरेंसिक और विधि विज्ञान में बड़ा विस्तार
राज्य सरकार ने अपराधों की वैज्ञानिक जांच प्रणाली को सशक्त करने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान, लखनऊ की स्थापना की। इसके साथ ही 2017 के बाद से 8 नई विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं (फॉरेंसिक लैब) बनाई गईं और 6 लैब निर्माणाधीन हैं। इससे गंभीर अपराधों के निपटारे में तीव्रता आई है।
विशेष सुरक्षा बल और आधुनिक इकाइयों की मजबूती
प्रदेश में सुरक्षा के विशेष इंतजामों को मजबूत करते हुए निम्न इकाइयों को और सशक्त किया गया है:
एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS)
स्पेशल टास्क फोर्स (STF)
स्टेट डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF)
उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) – महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु गठित की गई नई विशेष बल इकाई।
सुरक्षा की नई मिसाल: हेल्पलाइन सिस्टम की मजबूती
जनसहायता के लिए कार्यरत हेल्पलाइन नम्बर यूपी-112, 1090 (महिला शक्ति हेल्पलाइन), और 1098 (बाल सहायता) को अत्याधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित स्टाफ़ के जरिए सुदृढ़ किया गया है।
इन हेल्पलाइनों के जरिए हर दिन लाखों नागरिकों तक मदद पहुंचाई जा रही है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में निर्णायक कदम
वीरांगना पीएसी बटालियन की स्थापना:
लखनऊ – वीरांगना ऊदा देवी
बदायूं – वीरांगना अवंतीबाई
गोरखपुर – वीरांगना झलकारी बाई
महिला केंद्रित बुनियादी ढांचे का विकास
1,595 महिला हेल्प डेस्क
75 महिला थाने
78 महिला परामर्श केंद्र
346 महिला पीआरवी (रात्रि एस्कॉर्ट)
10,378 महिला बीट का आवंटन
इन प्रयासों से न केवल महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ी है, बल्कि समाज में पुलिस की सकारात्मक छवि भी बनी है।
बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस न केवल संख्या में बल्कि संवेदनशीलता, तकनीकी दक्षता और सेवा भावना में भी मजबूत हुई है। यह बदलाव केवल सांख्यिकीय नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है। जिस प्रदेश में पहले सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता का माहौल रहता था, वहां अब निवेशक, पर्यटक और नागरिक स्वयं को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी ने जो सुरक्षा के क्षेत्र में मील के पत्थर गढ़े हैं, वह अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।
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