प्रदेश में मानसून ने दी दस्तक, कहीं मूसलाधार बारिश तो कहीं पड़ रही हल्की फुहार
Monsoon Update 2025: एक हफ्ते से आसमान में ललचाते, बादल धोखा दे रहे हैं। कहीं मूसलाधार बारिश, तो कहीं हल्की फुहार ही पड़ रही है। सोमवार को सरायपाली, बसना और पिथौरा में दिनभर झड़ी जैसी स्थिति रही। जिला मुख्यालय में शाम को कुछ देर के लिए हल्की बौछार पड़ी।
Monsoon Update 2025: मानसून की बेरुखी ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। आसमान में बादल उमड़-घूमड़ रहे हैं, पर जमकर बरस नहीं रहे हैं। कुछ दिनों से सरायपाली में ज्यादा वर्षा हो रही है। बागबाहरा व महासमुंद ब्लॉक सूखा-सूखा है।
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Monsoon Update 2025: मानसून सीजन का एक महीना बीतने को है और अभी तक खेती-किसानी के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई है। मानसून का सीजन जून से सितंबर तक माना जाता है। मई में जितनी बारिश हुई है, उतनी बारिश मानसून के पहले महीने जून में नहीं हुई है। हफ्तेभर बाद जून का महीना भी खत्म हो जाएगा।
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Monsoon Update 2025: जून में औसत वर्षा से भी कम बारिश हुई है। इस कारण चिंता बढ़ती जा रही है। आने वाले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही, तो खेती-किसानी भी पिछड़ जाएगी। पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव का दौर जारी है। दिन में आसमान में कभी बादल छा जाते हैं और कुछ देर बाद बादल छंट जाते हैं। इस कारण उसम से लोग परेशान हैं।
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Monsoon Update 2025: 27 जून के बाद एक बार फिर मौसम परिवर्तन आने के साथ बारिश हो सकती है। फिलहाल, प्रदेश के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एसके वर्मा ने बताया कि बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव होने की संभावना है।
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Monsoon Update 2025: दक्षिण उत्तर प्रदेश के मध्य भागों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे जुड़ा ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। विभाग ने जिले में इस वर्ष 993.३ मिमी औसत वर्षा होने की संभावना जताई है।
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Monsoon Update 2025: महासमुंद विकासखंड में 1265 मिमी, सरायपाली में 1225 मिमी, बसना में 1268, पिथौरा में 1172.8 मिमी और बागबाहरा में 1026 औसत बारिश हो सकती है। मानसून के आगमन के बाद ही राहत मिलेगी। अमूमन देखा जाए तो बागबाहरा विकासखंड में सबसे कम बारिश होती है। बारिश नहीं होने से इसका असर कोड़ार बांध पर पड़ता है। वर्तमान में बारिश का सिस्टम नहीं बन रहा है।