शनिवार की सुबह आसमान, बादलों से ढंक गया। करीब साढ़े 9 बजे हल्की बौछार पड़ी। बाद झमाझम बारिश हुई। जगह-जगह जलभराव हो गया। 10-15 मिनट के लिए बारिश थमी। बाद फिर से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए जो लोग जहां रुके, वहीं घंटेभर तक फंसे रहे। बारिश होने से तापमान में तीन-चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई है।
CG Monsoon 2025: बदला मौसम का मिजाज…
हालांकि, उमस ने लोगों ने बेहाल कर दिया है। पिछले 15 दिनों से मौसम में बदलाव का दौर जारी है। कहीं बारिश हो रही है, तो कहीं गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले तीन-चार दिनों तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। इस साल तय समय से पहले मानसून की दस्तक से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि, नदी-नाले और तालाब दो महीने पहले ही सूख चुके हैं। बांधों की स्थिति भी चिंताजनक है। कोड़ार बांध में ही पांच फीट के आसपास पानी बचा है।
शहर में तेज बारिश से गुलशन चौक के पास सड़क पर पानी बहता रहा। नयापारा मोहल्ले की नालियां ओवरफ्लो हो गईं। नालियों का पानी सड़क पर आ गया। कचरा इधर-उधर बिखर गया। हर साल इसी तरह का नजारा देखने को मिलता है। तेज बारिश होने पर आसपास के लोग परेशान हो जाते हैं। दुकानों तक पानी पहुंच जाता है। नयापारा की नालियों और बारिश का पानी गुलशन चौक पार करते हुए अयोध्या नगर तरफ बहता रहा। लोगों को आवाजाही परेशानी का सामना करना पड़ा।
समय से पहले आएगा छत्तीसगढ़ में मानसून
इसी तरह ओवरब्रिज से नीचे उतरते ही बैंक के सामने जलभराव हो गया था। आगे प्रीतम प्राइड के सामने भी पानी भर गया। प्री-मानसून के असर से अगले एक सप्ताह तक गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। पांच दिनों तक मौसम में कोई परिवर्तन होने की संभावना भी नहीं है। लेकिन, प्रदेश के एक-दो स्थानों पर
गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल में दस्तक दे चुका है। जबकि, सामान्य तिथि एक जून है। पूर्व-मध्य अरब सागर और उससे सटे दपिण कोंकण तट पर एक दबाव बना हुआ है। पूर्वी-मध्य अरब सागर से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक द्रोणिका बनी हुई है। उत्तर तटीय ओडिशा व आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।