इसके बाद उन्होंने कहा, “भाजपा ने विकास और मंदिर के नाम पर अयोध्या में तोड़-फोड़ किया। लोकसभा चुनाव में उनका सांसद हारा। मथुरा में 500 साल पुरानी गलियों को तोड़ने की जो योजना भाजपा बना रही है। आगामी चुनाव में पार्टी यहां भी हारेगी। कांग्रेस पार्टी ‘बांके बिहारी मंदिर’ और गोस्वामी परिवार के साथ है।”
बांके बिहारी मंदिर में क्या होंगे बदलाव
‘श्री बांके बिहारी मंदिर’ को पांच एकड़ क्षेत्र में बांके बिहारी कॉरिडोर में बदलने का प्रस्ताव है। यह दो मंजिला बनाया जाएगा। इसमें तीन प्रवेश द्वार होंगे। यह कॉरिडोर मंदिर को यमुना नदी से जोड़ेगा जैसा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी देखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मंदिर के खजाने से 500 करोड़ रुपये का उपयोग कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किया जाएगा और यह जमीन ठाकुर बांके बिहारी जी के नाम पर ही रहेगी। सरकार का दावा है कि इससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। गोस्वामी समाज विरोध में
गोस्वामी समाज और स्थानीय लोग कॉरिडोर प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों और धार्मिक पहचान को नुकसान पहुंचेगा। गोस्वामी समाज की जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के साथ कई दौर की बैठकें बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई हैं।
गोस्वामी समाज की धमकी
लोगों का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर उनकी आस्था और सदियों से चली आ रही परंपरा का प्रतीक है, वे इसे किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने देंगे। गोस्वामी समाज ने धमकी दी है कि अगर कॉरिडोर प्रस्ताव को निरस्त नहीं किया गया तो वे ठाकुर बांके बिहारी जी को लेकर मंदिर और वृंदावन से पलायन कर सकते हैं।