जवानों ने छान डाला कोना-कोना
पुलिस की दो टीमों के 20 जवानों ने बीते कई घंटे में गंगनहर के लगभग 12 किलोमीटर क्षेत्र में सघन सर्च अभियान चलाया, फिर भी सिर बरामद नहीं हुआ। पुलिस को आशंका है कि हत्याकांड में शामिल आरोपी जानबूझकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं, ताकि सिर की बरामदगी न हो सके। अब मेरठ पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस से सहयोग मांगा है। जानकारी के अनुसार, मृतका के शरीर का सिरविहीन धड़ परतापुर थाना क्षेत्र के रजवाहे में मिला था। शव की पहचान उसकी जेब में मिली पर्ची के माध्यम से हुई, जिसमें मोबाइल नंबर लिखा था। बाद में मृतका की पहचान दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव निवासी 17 वर्षीय आस्था उर्फ तनिष्क के रूप में हुई।
आस्था की एक युवक से दोस्ती थी
पुलिस जांच में सामने आया कि आस्था की एक युवक से दोस्ती थी, जिसका विरोध उसके परिवारजन कर रहे थे। जब आस्था ने दोस्ती खत्म करने से इनकार किया, तो उसकी मां राकेश देवी और नाबालिग भाई ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद आस्था के मामा और अन्य रिश्तेदारों ने शव को मेरठ लाकर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। धड़ को रजवाहे में और सिर को जानी क्षेत्र की गंगनहर में फेंका गया। कितने लोग अब तक हिरासत में?
पुलिस ने इस मामले में अब तक आस्था की मां, नाबालिग भाई और अन्य तीन रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है। चार आरोपी जेल भेजे गए हैं जबकि नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया है। इस मामले में आस्था के पिता रमेश, जो सीआरपीएफ में तैनात हैं, को भी साजिश में शामिल माना गया है। मुख्य आरोपी गौरव अब भी फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है, वहीं आस्था के सिर की बरामदगी के लिए गाजियाबाद के मसूरी झाल क्षेत्र में गोताखोरों की मदद से तलाश जारी है।