मुख्तार अंसारी और जीवा गैंग का खास गुर्गा था शाहरुख
एएनआई के अनुसार, आरोपी शाहरुख की संजीव माहेश्वरी जीवा और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी गिरोह के शार्प शूटरों में गिनती की जाती थी। मेरठ स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने सोमवार को मुठभेड़ में उसे मार गिराया। इस दौरान शाहरुख पठान ने भी पुलिस पर 10 से ज्यादा राउंड फायरिंग की। हालांकि जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से वह ढेर हो गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शाहरुख पठान पर एक दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज थे। एसटीएफ ने मौके से तीन पिस्तौलें बरामद कीं। 60 से ज़्यादा कारतूस और एक कार भी बरामद की गई है। पुलिस ने शाहरुख पठान के पास से एक 9 एमएम की देसी पिस्तौल भी बरामद की है।
खुफिया इनपुट के आधार पर हुई कार्रवाई
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि टीम को इनपुट मिला था कि मुख्तार अंसारी और जीवा गैंग का शार्प शूटर शाहरुख मुजफ्फरनगर में मौजूद है। इस सूचना पर टीम ने तुरंत इलाके की घेराबंदी की। इस दौरान खुद को घिरा देख शाहरुख पठान ने पुलिस पर कार से ही गोलीबारी शुरू कर दी। एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि शाहरुख पठान ने पुलिस टीम पर करीब 10 राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से शाहरुख ढेर हो गया। पुलिस ने उसे घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने शार्प शूटर शाहरुख पठान को मृत घोषित कर दिया।
एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे, डेढ़ साल से फरार
एसटीएफ सूत्रों की मानें तो शाहरुख पठान पर हत्या, लूट और गैंगस्टर एक्ट सहित 12 से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे। वह करीब डेढ़ साल से फरारी काट रहा था। इस दौरान भी उसने सुपारी लेकर कई हत्याओं को अंजाम दिया। शाहरुख पठान संजीव जीवा गैंग से भी जुड़ा हुआ था। शाहरुख पठान ने साल 2015 में बिजनौर जेल से पेशी पर आए आसिफ जायदा की मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में शाहरुख कोर्ट में पेश हुआ और पुलिस कस्टडी से फरार हो गया। इसके बाद साल 2017 में आरोपी शाहरुख पठाने ने हरिद्वार में कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या की। इसके अलावा उसी साल आसिफ जायदा की हत्या के मुख्य गवाह मृतक के पिता की भी हत्या कर दी। इसके बाद उस पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया गया। गोल्डी हत्याकांड में शाहरुख को उम्रकैद की सजा मिली थी। लगभग छह महीने पहले वह जमानत पर जेल से बाहर आया और दोबारा गवाहों को धमकाने और हत्याओं की योजना बनाने लगा। संभल जिले के बनियाठेर थाने में उस पर हत्या के प्रयास और धमकी का मामला भी दर्ज था।
अपराध की शुरुआत एक पंचर की दुकान से
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अपराधी बनने से पहले शाहरुख साइकिल पंचर की दुकान चलाता था। बाद में वह चोरी की वारदातों में शामिल हुआ और धीरे-धीरे संगठित अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। इसी दौरान वह जीवा गैंग के संपर्क में आया और उनके लिए काम करने लगा। इसके बाद वह कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया और उनके लिए काम करने लगा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी शाहरुख पठान ने तीन हत्याओं को अंजाम दिया। इसके बाद वह करीब डेढ़ साल से पुलिस और एसटीएफ टीम के लिए सिरदर्द बना था।