मेरठ में स्कूल, अस्पताल और दुकानें भी रहेंगी बंद
पुलगाम में हुए हमले को लेकर लोगों में बेहद गुस्सा है। अपने गुस्सा इजहार करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। कोई पुतला जलाकर इस हमले का विरोध कर रहा है तो कोई सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा निकाल रहा है। सभी का उद्देश्य सिर्फ एक ही है कि सरकार इस हमले का मुहतोड़ जवाब दे। अब वेस्ट यूपी के केंद्र मेरठ के लोगों ने बड़ा निर्णय किया है। मेरठ में हिंदू संगठनों ने 26 को मेरठ बंद की घोषणा की है। इनका दावा है कि व्यापारियों, चिकित्सकों और आम आदमी का उन्हे समर्थन मिल रहा है।
हिंदू समाज की बैठक में हुआ निर्णय
पुहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के विरोध में मेरठ में हिंदू समाज की बैठक हुई। इस बैठक में मेरठ बंद करने का निर्णय किया गया। बंद की घोषणा करने वाले संगठनों का कहना है कि उन्हे फिलहाल स्कूलों, संयुक्त व्यापार संघ और आईएमए का समर्थन मिल गया है। इसके साथ ही अन्य संस्थाएं भी उनके साथ इस बंद में समर्थन कर रही हैं। यानी साफ है कि 26 को मेरठ में एतिहासिक बंद हो सकता है। इसकी वजह भी है, दरअसल लोगों में बेहद गुस्सा है। अब देश की जनता बदला चाहती है।
बंद को लेकर आईएमए ने बुलाई बैठक
बंद के समर्थन को लेकर शुक्रवार को IMA की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में निर्णय होगा कि किस प्रकार से डॉक्टर इस बंद का समर्थन कर सकते हैं। मेरठ स्कूल फेडरेशन और सहोदय की गुरुवार को देर रात हुई बैठक में यह निर्णय हुआ कि सभी निजी शिक्षण संस्थान 26 के बंद रखे जाएंगे। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता और वरिष्ठ व्यापारी नेता नवीन गुप्ता व अरुण जिंदल ने कहा है कि व्यापारी बंद का समर्थन करेंगे। दावा किया जा रहा है कि 26 के पूरा मेरठ बंद रहेगा सिर्फ पेट्रोल पंपों को एक बजे के बाद खुलने की छूट रहेगी।