बालामऊ में मिला पहला सिलिंडर, मुरादाबाद में फिर बढ़ा संकट
हालांकि बालामऊ में मिला सिलिंडर महज तीन घंटे के लिए ही पर्याप्त था। जैसे-जैसे ट्रेन मुरादाबाद की ओर बढ़ रही थी, महिला की जान फिर खतरे में थी। ऐसे में ट्रेन मैनेजर ने दोबारा प्रयास किया और नरमू के पदाधिकारियों को जानकारी देकर मदद की गुहार लगाई।
नरमू के अधिकारी भी बने मसीहा, मुरादाबाद में मिला दूसरा सिलिंडर
ट्रेन मैनेजर की अपील पर नरमू के सहायक मंडल मंत्री केएचके खान ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मुरादाबाद स्टेशन पर महिला को दूसरा ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करवाया। इस सहयोग से महिला की हालत स्थिर हो सकी और उन्हें समय पर इलाज के लिए रुड़की ले जाया जा सका।
यात्रियों ने सराहा मानवीय कदम, परिजनों ने जताया आभार
इस पूरे घटनाक्रम में यात्रियों ने रेलवे गार्ड और नरमू अधिकारियों की तत्परता और मानवीय भावना की जमकर सराहना की। रुक्मणी के परिजनों ने कहा कि यदि समय पर ऑक्सीजन न मिलती, तो उनकी जान जा सकती थी। महिला के साथ उनके पति और दो बेटियां भी सफर कर रही थीं। मानवीयता की मिसाल बना यह सफर
रेलवे के ट्रेन मैनेजर और नरमू पदाधिकारियों की इस पहल ने साबित कर दिया कि संकट की घड़ी में इंसानियत सबसे बड़ी सेवा है। किसान एक्सप्रेस में हुआ यह घटनाक्रम न सिर्फ रेलवे की जिम्मेदारी का उदाहरण बना, बल्कि यात्रियों के दिल भी जीत लिए।