क्या है पूरा मामला?
यह घटना रविवार देर शाम की है, जब मुरादाबाद के गलशहीद थाना क्षेत्र के मोहल्ला काला प्यादा, संभली गेट निवासी अब्दुल समद अपने भाई मोहम्मद जैद और दोस्तों जकी तथा मुजम्मिल के साथ दिल्ली से घर लौट रहे थे। जैसे ही उनकी कार जोया टोल प्लाजा पर पहुंची, फास्टैग में रिचार्ज न होने के कारण कार पास नहीं हो सकी। अब्दुल समद ने तुरंत कार को पीछे लेकर फास्टैग रिचार्ज किया और करीब 10 मिनट बाद फिर से टोल पर पहुंचे। लेकिन इस बार भी फास्टैग ने तकनीकी कारणों से काम नहीं किया। इस पर उन्होंने नगद भुगतान कर गाड़ी निकालने की बात कही, लेकिन टोलकर्मी ने बहस शुरू कर दी।
मोबाइल में रिकॉर्डिंग बना मारपीट की वजह
टोलकर्मी की बदतमीजी देखकर अब्दुल समद के भाई मोहम्मद जैद ने घटना का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। यह देख टोलकर्मी भड़क गया और वीडियो बनाए जाने का विरोध करने लगा। कुछ ही देर में 10 से 15 अन्य टोलकर्मी वहां पहुंच गए और गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर टोलकर्मियों ने चारों युवकों पर हमला कर दिया। इस हमले में अब्दुल समद का कंधा टूट गया, जबकि बाकी युवकों को गंभीर चोटें आईं। परिजनों का आरोप है कि टोलकर्मियों ने जान से मारने की नीयत से हमला किया था। मौके पर अफरा-तफरी मच गई, लेकिन किसी ने पीड़ितों को बचाने की हिम्मत नहीं की।
पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई। सीओ सिटी शक्ति सिंह ने बताया कि 10 से 15 अज्ञात टोलकर्मियों के खिलाफ धारा 307 (हत्या की कोशिश) समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित पक्ष द्वारा घटना का वीडियो साक्ष्य के तौर पर पुलिस को सौंपा गया है। इसके साथ ही टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को जल्द ही चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाएगा।
पहले भी विवादों में रहा है जोया टोल प्लाजा
यह पहली बार नहीं है जब जोया टोल प्लाजा पर टोलकर्मियों की गुंडई का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार टोल कर्मियों द्वारा बाहरी लोगों के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई न होने के कारण उनके हौसले बुलंद हैं। स्थानीय लोगों और यात्रियों का कहना है कि टोलकर्मी अक्सर बहाने बनाकर विवाद खड़ा करते हैं, और मामूली बातों पर हाथापाई पर उतर आते हैं।
क्या कहते हैं पीड़ित?
पीड़ित अब्दुल समद ने बताया, “हमने गलती नहीं की थी। फास्टैग में रिचार्ज नहीं था तो पीछे जाकर तुरंत रिचार्ज करवाया, फिर भी बिना बात के बहस की गई। जब नगद देने की बात की तो उन्होंने बदतमीजी की और वीडियो बनाने पर हमला कर दिया। लगता है जैसे पहले से ही घात लगाए बैठे थे।”
जनता में आक्रोश, टोल प्रबंधन पर उठे सवाल
घटना के बाद से क्षेत्रीय जनता में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि टोल प्लाजा पर सुरक्षा के नाम पर आम नागरिकों का शोषण हो रहा है। यह सवाल भी उठने लगे हैं कि आखिर इन टोलकर्मियों को किसके संरक्षण में इतनी हिम्मत मिलती है?