बंदर भगाने के दौरान हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, देवापुर गांव निवासी लाखन सैनी ई-रिक्शा चालक हैं। मंगलवार सुबह उनका ढाई साल का बेटा आरव घर में खेल रहा था। इसी दौरान बंदरों का एक झुंड आ गया। बंदरों को भगाने के लिए लाखन कुल्हाड़ी लेकर छत पर चढ़ गया और कुल्हाड़ी फेंकी। दुर्भाग्यवश, वह कुल्हाड़ी आंगन में मौजूद बेटे आरव की गर्दन पर जा लगी। लाखन को यह अंदाजा नहीं था कि आरव कमरे से बाहर निकलकर आंगन में आ गया है। बेटे की चीख सुनकर घरवाले मौके पर पहुंचे और उसे तुरंत निजी अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
परिवार ने शव को पुलिस को बताए बिना किया दफन
बच्चे की मौत के बाद माता-पिता सदमे में हैं। मां अनीता बार-बार बेहोश हो रही हैं। वहीं, परिजनों ने बिना पुलिस को सूचना दिए शव को दफन कर दिया।
दीवारों पर मिले खून के छींटे
घर के आंगन में बने खुले वॉशरूम की दीवारों पर खून के छींटे पाए गए। बताया गया कि कुल्हाड़ी गर्दन पर लगने के बाद आरव के शरीर से खून का फव्वारा निकल पड़ा था।
मौसा और पंचायत सदस्य के दावे अलग-अलग
घटना को लेकर परिवार और पड़ोसियों के बयान भी भिन्न हैं। बच्चे के मौसा का आरोप है कि यह हत्या है। उनके मुताबिक, पति-पत्नी के बीच झगड़े के बाद पिता ने दादा की गोद से बच्चा छीनकर उसकी गर्दन काट दी। वहीं, एक स्थानीय जिला पंचायत सदस्य का दावा है कि बच्चे की गर्दन में सरिया घुस गई थी, जो बंदरों की उछलकूद के दौरान छत से गिर गई थी।
पुलिस ने माना हादसा
कटघर थाना प्रभारी ने फिलहाल इसे एक हादसा मानते हुए बताया कि बंदरों को भगाते समय कुल्हाड़ी का बेंत लाखन के हाथ में रह गया, जबकि उसका लोहे का हिस्सा नीचे खड़े आरव की गर्दन में लग गया। इससे गंभीर रूप से घायल हुए आरव को परिजन निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गांव में बंदरों का आतंक
स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव में बंदरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और वे अक्सर घरों में घुस आते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।