मंत्री ने नाराजगी जताई
अब तो खुद सरकार में शामिल मंत्री साफ तौर पर कह रहे हैं कि फिलहाल 1500 रुपये की मौजूदा राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये करना संभव नहीं है। शिवसेना शिंदे गुट के कद्दावर नेता व मंत्री संजय शिरसाट (Sanjay Shirsat) ने कहा, राज्य की आर्थिक स्थिति और बजट प्रबंधन एक वरिष्ठ स्तर का विषय है, लेकिन सच्चाई यह है कि हम 1500 को अभी 2100 नहीं कर सकते। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि योजना को बंद नहीं किया जाएगा और इसके लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी, भले ही इसके लिए कर्ज लेना पड़े। हालांकि उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि लाडली बहना योजना के लिए उनके सामाजिक न्याय और आदिवासी विकास विभाग के बजट में कटौती की जा रही है।
शिरसाट ने कहा, “लाडकी बहिन योजना को लेकर फरवरी में जब फाइल मेरे पास आई थी, तब मैंने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया था कि सामाजिक न्याय विभाग का बजट दलित और अल्पसंख्यक वर्गों के लिए होता है, इसलिए उसके फंड में कटौती नहीं की जानी चाहिए। मैंने फाइल पर स्पष्ट रूप से कहा है कि मेरे विभाग के फंड को कम या किसी और विभाग में डाइवर्ट नहीं किया जाना चाहिए। यह बात मैंने वित्तमंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कही है।”
शकुनि कहा तो भड़की NCP
इसके साथ ही शिरसाट ने वित्त मंत्री अजित पवार पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया। उन्होंने कहा, “अगर विभाग की जरूरत नहीं या उसमें पैसा खर्च ही नहीं करना है, तो ऐसा विभाग बंद ही कर देना चाहिए। वित्त मंत्रालय में शकुनि बैठे हैं, और ये उन्हीं का काम है।” शिवसेना नेता शिरसाट की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी (अजित पवार) नेता हसन मुश्रीफ ने कहा, “संजय शिरसाट मेरे अच्छे मित्र हैं, लेकिन वे अभी नए मंत्री बने हैं। उन्हें पहले वित्त विभाग के अधिकारियों से बैठक कर सच्चाई जाननी चाहिए थी। अपने ही एक वरिष्ठ नेता को ऐसी उपमा देना बहुत अनुचित है। अजित दादा आसमान से पैसे नहीं लाएंगे, न ही अजित दादा ये पैसे घर ले गए। हर महीने महिलाओं को पैसा देना आसान नहीं होता, ये स्वाभाविक है।”