महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी विभाग में राजस्व बढ़ाने वाले बदलावों को मंजूरी दी गई, जिसमें शराब पर शुल्क में बढ़ोतरी हुई। अधिकारिक बयान के मुताबिक, एक उच्च स्तरीय अध्ययन समूह ने अन्य राज्यों की नीतियों की पड़ताल की तथा राज्य आबकारी शुल्क, लाइसेंसिंग और कर संग्रह में सुधार के संबंध में सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।
इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने एक नई श्रेणी भी शुरू की है, अनाज आधारित महाराष्ट्र निर्मित शराब (एमएमएल) जिसका उत्पादन विशेष रूप से स्थानीय निर्माताओं द्वारा किया जाएगा। एमएमएल ब्रांड को नए पंजीकरण की आवश्यकता होगी।
कितना पड़ेगा कीमतों पर असर?
महाराष्ट्र में 2011 के बाद पहली बार उत्पाद शुल्क में यह संशोधन किया गया है। इसके तहत आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क को 50 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है, जो पहले निर्माण लागत से तीन गुना था, अब इसे बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया गया है। यह बदलाव विशेष रूप से उन उत्पादों को प्रभावित करेगा जिनकी निर्माण लागत प्रति बल्क लीटर 260 रुपये है। वहीँ, देसी शराब पर भी शुल्क बढ़ा दिया गया है, जो अब 180 रुपये से बढ़ाकर 205 रुपये प्रति प्रूफ लीटर कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, आईएमएफएल और प्रीमियम विदेशी शराब ब्रांड्स की कीमतों में कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। अब 180 मिलीलीटर की देसी शराब की बोतल की कीमत न्यूनतम 80 रुपये होगी, जो पहले 60 से 70 रुपये के बीच थी, जबकि IMFL की कीमत 115 से 130 रुपये से बढ़कर 205 रुपये हो जाएगी। वहीँ, प्रीमियम विदेशी शराब अब 210 रुपये से बढ़कर 360 रुपये में मिल सकती है। अधिकारिक बयान में कहा गया है कि इससे सरकार को सालाना 14,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।