महायुति की पिछली कैबिनेट में 29 मंत्री थे और 14 पद खाली थे. तब से कई नेता मंत्री बनने की उम्मीद लगाये बैठे हैं। चूंकि अब सत्ताधारी विधायकों की संख्या बढ़कर 234 हो गई है, ऐसे में महायुति के तीनों दलों के सामने यह दुविधा है कि किसे मंत्री बनाया जाए और किसे नहीं।
महाराष्ट्र में इसी हफ्ते कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री फडणवीस अपनी कैबिनेट में नए और साफ-सुथरी छवि वाले विधायकों को शामिल करना चाहते हैं। फडणवीस इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कैबिनेट में उन्हें जगह मिलनी चाहिए जिनका विवादों से नाता नहीं रहा हो और जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हो।
ऐसे में पूर्व मंत्री तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर, संजय राठौड़ और विधायक संजय शिरसाट को फडणवीस की कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सकता हैं। उनकी जगह शिवसेना के अन्य विधायकों को मौका मिल सकता है। मंत्री बनने वाले संभावित विधायकों का रिपोर्ट कार्ड दिल्ली आलाकमान को भेजे जाने की खबर है। इसलिए कैबिनेट विस्तार में बीजेपी नेतृत्व की भी अहम भूमिका होगी।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री फडणवीस गृह विभाग शिवसेना के लिए छोड़ने को तैयार नहीं हैं। एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय, अजित पवार को वित्त मंत्रालय दिये जाने की संभावना है। बीजेपी से 21 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जबकि शिंदे की शिवसेना से 12 विधायकों और अजित दादा की एनसीपी से 10 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।