अफवाहों पर न करें भरोसा!
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि
लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Yojana) बंद नहीं होगी। रविवार को शिर्डी में एक कार्यक्रम में फडणवीस ने कहा, “ऐसी अफवाहें हैं कि हम लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Yojana) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देंगे। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि महिलाओं, दलितों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लाभ के लिए लागू की गई प्रत्येक योजना जारी रहेगी। वर्तमान योजनाओं के अलावा, हमने जो घोषणापत्र में वादे किए है उन्हें भी पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बता दें कि महाराष्ट्र की जिन महिलाओं के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है उन्हें लाडकी बहीन योजना के तहत 1 जुलाई से 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे है।
फॉर्म की जांच ठीक से नहीं हुई- पूर्व मंत्री
इस बीच, एनसीपी (अजित पवार) नेता छगन भुजबल ने मांग की कि ‘लाडकी बहिन योजना’ का लाभ उठाने वाली अपात्र महिलाएं अगर स्वेच्छा से योजना से बाहर नहीं जाती हैं तो राज्य सरकार को उन पर जुर्माना लगाना चाहिए। भुजबल ने आरोप लगाया कि पिछले साल फॉर्म भरने के बाद कुछ लोगों को बिना जांच पड़ताल के ही योजना का लाभ मिल रहा है। पूर्व मंत्री भुजबल ने सोमवार को नासिक जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र येवला में पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जो महिलाएं योजना के नियमों का पालन नहीं करती हैं या पात्रता मानदंड को पूरा नहीं करती हैं, उन्हें स्वयं ही अपना नाम वापस ले लेना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करती हैं तो सरकार को उन पर जुर्माना लगाना चाहिए।’’
महाराष्ट्र में लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) के 2.43 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं, जिससे राज्य के खजाने पर हर महीने लगभग 3,700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है। चुनाव से पहले ही इस योजना में 46,000 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक खर्च चिंता का विषय था। ऐसे में यदि अब यदि लाडली बहनों को 2,100 रुपये प्रति माह दिया जाता है तो योजना पर कुल वार्षिक खर्च बढ़कर 63,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।