राज्य के कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने शुक्रवार को नासिक में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर अंतिम मुहर लगाने से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की जाएगी।
मंत्री लोढ़ा ने कहा, हम समाज में प्लंबरों के महत्वपूर्ण कार्य को देखते हुए उन्हें ‘जल इंजीनियर’ का दर्जा देने की दिशा में विचार कर रहे हैं। यह सिर्फ नाम का बदलाव नहीं है, बल्कि यह उनके योगदान की सामाजिक स्वीकृति और सम्मान की ओर एक बड़ा कदम होगा।
राज्य सरकार का मानना है कि शब्दों में बदलाव से मानसिकता में भी बदलाव आता है। कई बार समाज में मेहनतकश पेशों को उचित सम्मान नहीं मिल पाता, लेकिन इस तरह के प्रतीकात्मक और सकारात्मक बदलाव उनके आत्मसम्मान को बढ़ावा देते हैं।
प्लंबर, जो आमतौर पर घरों और इमारतों में जल आपूर्ति और पाइपलाइन से जुड़े कार्य करते हैं, हमारे दैनिक जीवन में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। अब सरकार उनके काम को केवल तकनीकी नहीं बल्कि एक विशिष्ट कौशल मानते हुए उन्हें जल इंजीनियर का नाम देने पर विचार कर रही है। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री की अंतिम मंजूरी पर टिकी हैं, जिसके बाद यह ऐतिहासिक पहल हकीकत का रूप ले सकती है।