इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए 2014 में शिवसेना और बीजेपी के बीच हुए नाटकीय विवाद की अंदरूनी कहानी बताई। मुंबई में सोमवार को आयोजित सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन समारोह में फडणवीस ने शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के टूटने के कारणों के बारे में खुलकर बात की।
बीजेपी नेता फडणवीस ने कहा, “हम शिवसेना को 147 सीटें देने के लिए तैयार थे, बीजेपी 127 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली थी। यह तय हुआ था कि मुख्यमंत्री शिवसेना की तरफ से होगा, जबकि उपमुख्यमंत्री बीजेपी से होगा। लेकिन उद्धव ठाकरे 151 सीटों पर अड़े रहे और यही वह समय था जब गठबंधन टूट गया। शायद तब विधि का विधान यह था कि मुझे मुख्यमंत्री बनना था।”
इसके बाद नासिक में प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने फडणवीस का बचाव करते हुए जो बातें कही, उससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
संजय राउत ने क्या कहा?
संजय राउत ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही बालासाहेब ठाकरे के विचारों के साथ थी क्योंकि उन्हें लगता था कि अगर हिंदुत्व का प्रखर प्रचार करना है तो बालासाहेब का समर्थन जरूरी है। बाबरी मस्जिद विध्वंस और राम मंदिर आंदोलन के बाद शिवसेना पूरे देश में चुनाव लड़ने की तैयारी में थी। देश में बालासाहेब ठाकरे के नाम की लहर थी। इसके चलते यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों में 60-65 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला हो चुका था और अनुमान था कि कम से कम 40 सीटों पर जीत मिल सकती थी। लेकिन जब यह बात बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची, तो उनके होश उड़ गए। यह भी पढ़ें