नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंघल ने बताया कि हमने मामले दर्ज किए हैं, गिरफ़्तारियां की जा रही हैं। आरोपियों की पहचान की जा रही है। शांति बहाल करने के लिए रूट मार्च किया जा रहा है। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की जा रही है। क्या किसी ने इसकी साजिश रची है और इसमें कितने लोग शामिल हैं, इसकी जांच की जा रही है।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा पर मंगलवार को विधानसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई। सोमवार दोपहर बाद अफवाह फैली कि बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर अपने प्रदर्शन के दौरान जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया, उस पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए, जिसके बाद नागपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी।11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू
सीएम फडणवीस ने बताया कि हिंसा में 12 दोपहिया वाहन तोड़े गए और एक क्रेन, दो जेसीबी तथा कुछ चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने कुछ लोगों पर तलवार से हमला किया। हालात तब और गंभीर हो गए, जब डीसीपी रैंक के अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी हैं। इसके अलावा, पांच आम लोगों को भी चोटें आईं। इस मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। कानून-व्यवस्था को काबू में करने के लिए 11 थाना क्षेत्रों में लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लागू की गई है। साथ ही स्थिति को संभालने के लिए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपीएफ) की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं। नागपुर के कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकडगंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाडा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाया है।
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