नागपुर हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृहमंत्री हूं, मुख्यमंत्री को पूछिए कि इसके पीछे कौन है? क्योंकि आरएसएस का मुख्यालय वहां है। यहां डबल इंजन सरकार है, अगर डबल इंजन सरकार विफल है तो इन्हें इस्तीफा देना चाहिए।”
बीजेपी पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने आगे कहा, “आप चाहें तो औरंगजेब की कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुला लीजिएगा।” महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि नागपुर में हुई हिंसा साजिश लग रही है। भीड़ ने चुनिंदा घरों तथा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजय राउत का सनसनीखेज आरोप
इससे पहले नागपुर हिंसा पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा था कि नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। नागपुर आरएसएस का गढ़ है। यहां पर संघ का मुख्यालय है यहां पर मोहन भागवत जी बैठते हैं… वहां पर सीएम देवेंद्र फडणवीस का निर्वाचन क्षेत्र भी है। वहां से बीजेपी के राज्य प्रमुख है… वहां दंगा करने की हिम्मत कौन कर सकता है? यह उनके लोग ही हो सकते है.. हिंदुओं को डराने और फिर उन्हें भड़काने के बाद उन्हें दंगों में शामिल करने का यह एक नया तरीका है…औरंगजेब के नाम पर हिंदुओं में डर पैदा किया जा रहा है। यह सब करने की क्या जरुरत है, सरकार आपकी ही है, अगर औरंगजेब की कब्र हटवाना चाहते हैं तो पीएम मोदी से कहिये, आदेश जारी कर तुड़वा दीजिये…ये दंगे क्यों करवाते हो…”
नागपुर हिंसा में विपक्ष का हाथ- शिवसेना नेता
वहीँ, नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) नेता संजय शिरसाट ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा के पीछे विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) का हाथ है… जहां कब्र है, वहां से कोई मुसलमान क्यों नहीं आ रहा है? यहां तक कि मुसलमान भी नहीं चाहते कि वहां औरंगजेब की कब्र रहे…वे (एमवीए) यह दिखाने के लिए ऐसा कर रहे हैं कि वे मुसलमानों के साथ खड़े हैं, लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं है कि मुसलमान भी ऐसा नहीं चाहते है।”
सदन में नोकझोंक
उधर, मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर जारी विवाद के बीच शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधा, जिसके बाद राज्य विधानपरिषद में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नागपुर में एक दिन पहले हुई हिंसा के संबंध में विधान परिषद में शिंदे ने मुगल बादशाह औरंगजेब के कथित महिमामंडन पर सवाल उठाया। सदन में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने विधान पार्षद (एमएलसी) अनिल परब पर परोक्ष रूप से तंज कसा कहा, ‘‘औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों होने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है। औरंगजेब ने मराठा शासक छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम धर्म अपनाने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिसकी वजह से उन्हें प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया।’’ बता दें कि औरंगजेब की कब्र को दक्षिणपंथी संगठन हटाने की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर पिछले कई दिनों से विवाद छिड़ा हुआ है। इस बीच, मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में सोमवार रात करीब 8 बजे तब हिंसा भड़क उठी, जब यह अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए बजरंग दल के प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के धर्मग्रंथ को जलाया गया। इस हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हुए और एक डीसीपी रैंक के अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। हालांकि अब वहां स्थिति सामान्य है। प्रशासन और पुलिस लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। 11 थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है और शांति बहाल करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।