राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने दो टूक कहा है कि अगर दोनों नेताओं की मंशा साथ आने की है तो मिल बैठकर बात हो सकती है। उन्हें आपस में फोन पर बात करनी चाहिए। अमित ठाकरे ने यह भी याद दिलाया कि मनसे पहले भी दो बार इस दिशा में पहल कर चुकी है। वहीं, दो दिन पहले शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने भी इस संभावित गठबंधन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे हैं और राज ठाकरे उनके चाचा हैं।
राज ठाकरे पहले ही कह चुके हैं कि महाराष्ट्र के हित के सामने उनके आपसी मतभेद कुछ भी नहीं हैं, तो वहीं उद्धव ठाकरे ने भी जवाब में कहा था, हमारे बीच कोई झगड़ा था ही नहीं, और अगर कुछ रहा भी हो, तो मैं उसे भूलने के लिए तैयार हूं।
इसी बीच, मनसे के वरिष्ठ नेता अविनाश जाधव ने स्पष्ट किया है कि राज ठाकरे ही शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेंगे और यह भी माना कि पूर्व में शिवसेना (ठाकरे गुट) के साथ अनुभव बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। वहीं, मनसे नेता प्रकाश महाजन ने कहा है कि अगर शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे मनसे के साथ गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है तो उसके नेता आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज ठाकरे से मिलना चाहिए।
हालांकि मनसे के कुछ दूसरे पंक्ति के नेता इस गठबंधन के विरोध में भी सामने आए हैं। खास बात ये है कि नासिक और डोंबिवली में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच पुनर्मिलन भी देखा गया है। गुरुवार को नासिक में मनसे कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शिवसेना (ठाकरे गुट) के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। इससे यह संकेत और मजबूत हुआ है कि जमीनी स्तर पर भी कार्यकर्ता इस गठबंधन को लेकर सकारात्मक हैं।
अब सवाल यह है कि क्या लगभग दो दशक पुराना मनमुटाव खत्म कर ठाकरे भाई एक होंगे और महाराष्ट्र को एक नया राजनीतिक समीकरण देखने को मिलेगा? इस बहुप्रतीक्षित निर्णय की ओर राज्यभर की निगाहें टिकी हैं।