मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई में आज (रविवार) शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे कि मौजूदगी में विलास शिंदे अपने समर्थक पूर्व नगरसेवकों के साथ शिवसेना का दामन थामेंगे। आज के कार्यक्रम में विलास शिंदे उन्हें चांदी की तलवार भेंट करेंगे।
हालांकि बगावती रुख को भांपते हुए पहले ही शिवसेना यूबीटी ने उन्हें 27 जून को महानगर प्रमुख पद से हटा दिया था। शिंदे ने साफ किया है कि वह किसी पद के लिए नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के सम्मान और विचारधारा के लिए यह फैसला ले रहे हैं।
‘…तो तीन साल पहले छोड़ देता साथ’
विलास शिंदे ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, अगर मुझे सिर्फ पद चाहिए होता तो मैं तीन साल पहले ही जब शिवसेना में फूट पड़ी थी तो शिंदे गुट में चला गया होता। लेकिन पार्टी ने हमारी निष्ठा की कद्र नहीं की। शिंदे सेना में शामिल होने से पहले उन्होंने कहा, “आज तक हमारे साथ अन्याय हुआ है। हम वफादार रहे, लेकिन कितने दिन तक? हम शिवसेना में ही जा रहे हैं, बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा वाली शिवसेना में। हमने पहले एकनाथ शिंदे की आलोचना की थी क्योंकि हमारे सामने उनकी गलत तस्वीर रखी गई थी। लेकिन जब नजदीक से देखा तो महसूस हुआ कि वह बेहद मेहनती और कार्यकर्ता-प्रिय नेता हैं। दुनिया में उनके जैसा ऐसा कोई नेता नहीं है जो दिन-रात काम करता हो।”
ठाकरे गुट के लिए मुश्किलें बढ़ीं
गौरतलब है कि इससे पहले सुधाकर बडगुजर, पूर्व मंत्री बबन घोलप, पूर्व मेयर नयना घोलप और पूर्व मेयर अशोक मुर्तडक जैसे बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। अब विलास शिंदे के जाने से ठाकरे गुट को एक और बड़ा झटका लगने वाला है।