झूले, बेंचेें व फिसल पट्टियां टूटी, पार्क में बच्चों की जगह बड़े झूलते झूलाआंकड़ों की बाजीगरी: पांच साल में कागजों में 33 लाख खर्च, फिर भी बिगड़ी नेहरू उद्यान की हालतकहां गया फव्वारा, टॉय ट्रेन के डिब्बे बिखरे
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नागौर. कलक्ट्रेट के सामने स्थित नेहरू उद्यान के रखरखाव पर नगरपरिषद ने पिछले गत पांच साल में 33 लाख रुपए खर्च कर दिए। इसके बाद भी पार्क की हालत नहीं सुधरी, लेकिन जिम्मेदारों की सेहत जरूर बेहतर हो गई। पार्क पर रखरखाव के नाम पर प्रति वर्ष 6 लाख 60 हजार की राशि के व्यय का आंकड़ा कागजों में जरूर दर्शाया गया, लेकिन इन पैसों से पार्क में हुआ हुआ क्या...! इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है। स्थिति यह है कि पार्क में न केवल टूटे झूले लगे हैं, बल्कि झूलों का लुत्फ बड़े उठाते नजर आते हैं।
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नगरपरिषद की अनदेखी के कारण झूले टूटे पड़े हैं। ट्राय ट्रेन की जंग लगी पटरियां और लोहा इधर-उधर बिखरा पड़ा है बेंचे टूटी पड़ी है। सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहता है। कई बार बच्चों की जगह झूलों पर बड़े लोग झूलते रहते हैं। नाव वाला झूला, फिसलपट्टी के साथ यहां पर कई बेंचे भी टूटी हुई हैं। पार्क के एक कोने में रखी तीन फिसल पट्टी के ढांचे नजर आते हैं।
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अमृत योजना के तहत प्रति वर्ष 6.60 का खर्च अमृत योजना के तहत नेहरू उद्यान पर प्रति वर्ष 6.60 लाख रुपए का नगरपरिषद की ओर से खर्च करने का प्रावधान है। लेकिन कागजी आंकड़ों के बाजीगरों ने इस खर्च की खानापूर्ति कर दी। हकीकत में पूरे पार्क की हालत बिगड़ चुकी है। इनका कहना है... नेहरू उद्यान की स्थिति को दिखवाकर जल्द ही इसकी बेहतरी के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। रामरतन चौधरी, आयुक्त, नगरपरिषद, नागौर
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पार्क में पहले आरोग्य वाटिका के पास ही फव्वारा लगा हुआ था। इसकी तली में गिरते पानी में बतख तैरती रहती थी। पक्षी तो प्रशासन की ओर से हटा दिए , लेकिन फव्वारा भी इन्ही के साथ कहीं चला गया। इसकी किसी को जानकारी नहीं है। आरोग्य वाटिका में की सार-संभाल नहीं होने से कचरा और गंदगी बिखरी रहती है। नेहरू उद्यान में पहले टॉय ट्रेन चलती थी। इससे नगरपरिषद को राजस्व भी मिलता था। कोविड-19 के दौरान बंद हुई टॉय ट्रेन फिर से संचालित नहीं की गई। पाई। अब इसके तीन डिब्बे इधर-उधर बिखरे पड़ें, और इसकी पटरियों पर जंग लग चुकी है। आरोग्य वाटिका के पास एक जगह पर पूरी दीवार टूटी पड़ी है। न तो इसकी मरम्मत हुई है, और न ही लंबे समय से इस जगह की सफाई की गई है। यहां दुर्गन्ध उठती रहती है।