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नागौर

सड़क दुर्घटनाओं में 64 प्रतिशत मौतें दुपहिया वाहन चालकों व पैदल चालकों की, अब सरकार उठाएगी बड़ा कदम

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखा पत्र, जनवरी में पूरे देश में चलेगा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह

नागौरDec 29, 2024 / 11:56 am

shyam choudhary

Road accident
नागौर. प्रदेश सहित देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार भी गंभीर नजर आ रही है। वाहन चालकों को यातायात नियमों की जानकारी देने व सड़क सुरक्षा को एक जन आंदोलन चलाने की तैयारी हो रही है। राज्य सहित पूरे देश में जनवरी माह में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह चलाने की तैयारी हो रही है। इस दौरान पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से शराब पीकर गाड़ी चलाने, तेज गति से गाड़ी चलाने, गलत दिशा में गाड़ी चलाने तथा सुरक्षा उपकरणों का उपयोग नहीं करने वालों के साथ विशेषकर दुपहिया वाहन चालकों के विरुद्ध जीरो टोलरेंस (शून्य सहनशीलता) अभियान चलाते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सड़क हादसों 1.7 लाख लोगों की जान गई

सड़क हादसों को लेकर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले साल भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.7 लाख से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और 4.5 लाख से ज़्यादा लोग घायल हुए या हमेशा के लिए दिव्यांग हो गए। गडकरी ने चिंता जाहिर करते हुए लिखा कि हमारे देश में 18 से 45 साल आयु वर्ग में युवाओं के लिए सडक़ दुर्घटनाएं मौत का प्रमुख कारण बन गई हैं, जिससे हर साल लाखों परिवार भावनात्मक और आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। सडक़ दुर्घटनाओं से संबंधित मौतों में 64 प्रतिशत मौतें दुपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों की होती हैं। इसलिए, सड़क सुरक्षा भारत सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता बनी हुई है।
ब्लैक स्पॉट सुधरेंगे

केन्द्र सरकार ने सड़क सुरक्षा सप्ताह के साथ सड़क दुर्घटनाओं के कारक बनने वाले ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए भी कहा है। इसमें सामान्य सड़क इंजीनियरिंग कारकों जैसे कि मध्य में अंतराल, अनुपचारित चौराहे, रोशनी की कमी आदि में सुधार के लिए कहा है। इसके साथ राज्य में प्रमुख सड़कों के लिए सड़क इंजीनियरिंग ऑडिट करने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं।
वर्ष 2024 में प्रदेश के आठ प्रमुख दुर्घटनाओं वाले एनएच

एनएच – दुर्घटनाएं – मौत – घायल – संबंधित जिले

एनएच 52 – 508 – 321 – 593 – सीकर, जयपुर, टोंक, बूंदी, झालावाड़
एनएच 58 – 395 – 229 – 548 – अजमेर, ब्यावर, राजसमंद, उदयपुर

एनएच 48 – 296 – 224 – 404 – अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, उदयपुर

एनएच 21 – 256 – 151 – 196 – जयपुर, दौसा, भरतपुर
एनएच 62 – 233 – 181 – 264 – बीकानेर, जोधपुर, नागौर, पाली

एनएच 27 – 121 – 118 – 185 – बारां, सिरोही, उदयपुर, भीलवाड़ा

एनएच 25 – 107 – 47 – 78 – जोधपुर, बाड़मेर
एनएच 11 – 101 – 75 – 99 – बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर

कुल – 2017 – 1346 – 2367

आठ एनएच पर हो गई 1346 मौतें

राजस्थान के आठ हाइवे पर पिछले एक साल में हुए 2017 सड़क हादसों में 1346 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2367 लोग घायल हो गए। इन आठ हाइवे में एनएच 62 नागौर से होकर गुजरता है, जिस पर एक साल में 233 हादसे हुए, जिसमें 181 लोगों की मौत हुई, जबकि 264 घायल हुए। गौरतलब है कि नागौर से जोधपुर तक सरकार ने हाइवे की मरम्मत के लिए बजट देकर ठेका दिया था, लेकिन ठेकेदार ने काम नहीं किया, जिसकी वजह से हादसे बढ़े।
जनवरी में चलाएंगे सड़क सुरक्षा सप्ताह

सड़क हादसों में कमी लाने व यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए जनवरी पूरे महीने में सड़क सुरक्षा सप्ताह चलाया जाएगा। इसको लेकर शनिवार को ही उच्चाधिकारियों ने वीसी के जरिए निर्देश दिए हैं।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर

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