विभिन्न मंदिरों से भी रम्मत करते पहुंचे नृसिंह स्वरूप, बंशीवाला मंदिर के 12 बारियों में की रम्मत, नगाड़े व झालर की आवाज से गूंज उठा मंदिर परिसर
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शहर के बंशीवाला मंदिर में नृसिंह भगवान की रम्मत देखने उमड़े शहरवासी
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उसके बाद मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई गई। भगवान बंशीवाला का नृसिंह स्वरूप में शृंगार किया गया।
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शाम को नृसिंह भगवान के निज मंदिर से रम्मत करते हुए नृसिंह स्वरूप चौक में परिसर में पहुंचा। भगवान नृसिंह को देखते ही मलूका गायब हो गए। रम्मत के दौरान श्रद्धालुओं के जयघोष व झालर की धुन के बीच नृसिंह भगवान ऊपर बारियों में पहुंचे
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वहां प्रतीकात्मक तौर पर खंभा फाडकऱ निकले नृसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ते हुए तेज गर्जना के साथ उसका वध किया।
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उसके बाद हर्ष की मुद्रा में भक्त प्रहलाद को गोद में उठाकर आशीर्वाद दिया। मंदिर की बारियों में करीब एक घंटे तक रम्मत की । इस दौरान नृसिंह भगवान का जयघोष कर श्रद्धालु वंदन करते रहे। मंदिर परिसर खचाखच भरा था। मुख्य गेट से लेकर पूरे परिसर में श्रद्धालुओं ही नजर आ रहे थे।
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किशनबाग में भगवान नृसिंह की रम्मत किशनबाग में भगवान नृसिंह की रम्मत हुई। दोपहर में करीब दो बजे नृसिंह भगवान की रम्मत शुरू हुई। इसके बाद माही दरवाजा स्थित गणेश मंदिर, व्यास पोल स्थित भैरव मंदिर, लोढ़ा का चौक गणेश मंदिर, बंशीवाला मंदिर, हाथी चौक गणेश मंदिर, सोनी वाङा नृसिंह मंदिर, पित्ति वाड़ा, फतेह भैरू मंदिर, लोहिया का चौक गणेश मंदिर,राम मंदिर,मूथा की बारी गणेश मंदिर,भैरव मंदिर आदि क्षेत्रों से नृसिंह भगवान के स्वरूप ने दो किलोमीटर तक रम्मत की। कार्यक्रम में रमेश व्यास घनश्याम लाल आचार्य, ओमप्रकाश मूथा, अशोक बोङा, रामकुमार पुरोहित, दुर्गा दत्त व्यास, मुरली छंगाणी आदि मौजूद थे।
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विभिन्न मंदिरों से रम्मत करते पहुंचेनृसिंह जयंती पर शहर के मुंदल माता मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर गूंगसा गली, सत्यनारायण मंदिर, पीपली गली स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर, किशनबाग मंदिर, मूथा की बारी स्थित गणेश मंदिर से भगवान नृसिंह रम्मत करते हुए बंशीवाला मंदिर पहुंचे। रास्ते में कई जगह रुक-रुककर नृसिंह भगवान रम्मत करते रहे। इस दौरान श्रद्धालु के जयकारे लगा रहे थे। बंशीवाला में पहुंचने के बाद भगवान नृसिंह ने 12 झरोखों में रम्मत की। बच्चों एवं महिलाओं में नृसिंह भगवानका आशीर्वाद पाने की होड़ लगी रही। दोपहर में बंशीवाला मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में पूरे दिन भीड़ रही।
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खभ फाड़ प्रकट भये नृसिंह, लियो प्रहलाद उबार...
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नागौर. शहर के बाठडिय़ा का चौक में रविवार को नृसिंह भगवान की रमत देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। शाम को भगवान नृसिंह ने भक्त प्रहलाद की रक्षा एवं हिरण्यकश्यप वध के लिए प्रतीकात्मक तौर पर विभिन्न मुद्राओं में रमत की। प्रहलाद का अभयदान देना एवं हिरण्यकश्यप वध के बाद उनके हर्ष की मुद्रा के साथ ही श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने भगवान नृसिंह को नमन किया। भगवान नृसिंह की रमत देखने के लिए श्रद्धालुओं से पूरा बाठडिय़ा चौक भरा रहा।
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रात्रि आठ बजे तक चौक क्षेत्र में पैर रखने को जगह नहीं थी। भगवान नृसिंह के जयकारे गूंजते रहे। इसी क्रम में शहर के गोपीनाथ मंदिर, ब्रह्माणी माता मंदिर, गजानन मंदिर एवं वेंकटेश मंदिर से भगवान नृसिंह रमत करते हुए श्रद्धालुओं के साथ बंशीवाला पहुंचे। यहां पर मंदिर परिसर की बारियों में रमत की। भगवान की रमत के दौरान श्रद्धालुओं ने पूजन किया।
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मैढ श्रत्रिय स्वर्णकार समाज की ओर से खाई की गली स्थित माताजी मंदिर में नृसिंह जयंती मनाई गई। नृसिंह भगवान खंभे को फाडकऱ प्रकट हुए। करीब एक घण्टे तक रमत की गई। नृसिंह भगवान का स्वरूप ईशू सोनी ने धारण किया। श्रद्धालुओं ने नगाड़े बजाए।
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शहर के विभिन्न मंदिरों में मनाई नृसिंह जयंती: भगवान नृसिंह ने की रमत
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इसी तरह गिनाणी तालाब स्थित नृसिंह बगीची में सुबह नृसिंह भगवान का विधिपूर्वक पंडित बालेश्वर के सानिध्य में अभिषेक किया गया। भास्कर खजांची ने बताया कि शाम को करीब चार बजे हुई रमत देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी । इस दौरान करीब 500 लीटर ठंडाई का श्रद्धालुओं में वितरण किया गया।