नागौर. करीब 36 साल पहले नागौर के नया दरवाजा हनुमान मंदिर में आषाढ़ माह में सात दिन के अखंड हरि कीर्तन के नाम से शुरू हुई ताल सप्ताह की परम्परा आज भी कायम है। कुछ एक लोगों से शुरू हुए इस कीर्तन में लोग जुटते गए और कारवां बनता गया। आज भी शहर वासियों में ताल सप्ताह को लेकर उत्साह बरकरार है। सप्ताहभर दिन में महिलाएं भजन गाकर ठाकुरजी को रिझातीं हैं तो रात्रि में पुरुष वर्ग भजनों व हरि कीर्तन के माध्यम से प्रभु की आराधना कर अच्छी बरसात व शहरवासियों के मंगल की कामना करते हैं।
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मेहन्दी पुर बालाजी मण्डल के अध्यक्ष रामकुमार भाटी ने बताते है कि 1989 में नागौर के हाथी चौक निवासी लालभाई अग्रवाल के पुत्र की तबीयत ज्यादा खराब होने पर दिल्ली तक जाकर काफी इलाज करवाया। इस दौरान लालाजी ने मंदिर में बालाजी महाराज से पुत्र के स्वास्थ्य में सुधार की मंगल प्रार्थना की। कुछ दिन में पुत्र के स्वस्थ होने पर उन्होंने मंदिर में ताल सप्ताह के आयोजन का प्रस्ताव रखा। उनको रतनगढ़ बालाजी मंदिर से इजाजत के लिए सलाह दी। वहां से 1989 में आषाढ़ बदी छठ से ताल सप्ताह आरम्भ करने का आदेश हुआ। तभी से हर साल इस ताल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है
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इस बार 36 वां आयोजन हुआ है। बिना रूके भजनों और कीर्तन का काफी संख्या में श्रद्धालु आनन्द लेते हैं।
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शहर के नया दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर में गत 17 जून से शुरू हुए 3६वें अखण्ड हरि-कीर्तन और ताल सप्ताह के अंतिम दिन मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन किया गया। श्रद्धालुओं ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। शाम को शोभायात्रा के साथ धार्मिक आयोजन का समापन हुआ।
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मंदिर परिसर में मंगलवार सुबह पंडित गोविंद बहड़ ने देवी-देवताओं की विधि विधान से पूजा करवाई और यजमान दंपतियों ने हवन में आहुतियां दी। अखण्ड नवाह्नपारायण, हनुमान चालीसा और हरि-कीर्तन की विधि-विधान से पूर्णाहुति की गई। इसके बाद दिन भर भजनों का कार्यक्रम हुआ।
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गायक भीवराज देवड़ा ने ‘वीर हनुमाना अति बलवाना, राम-राम रसिया रे...’ भजन से कार्यक्रम की शुरुआत की। संतोष भाटी ने ‘आज घना ही चाव से बाबा थाने बुलावा...’, दुर्गा सोनी ने ‘म्हारा सालासर सेठ, अब खोल दया का दरवाजा....’, इंदिरा टाक ने ‘पाय लागू जी महाराज बीरद बंका...’, रामी कलंत्रि ने ‘थारी जय हो पवन कुमार, वारि जाऊं बालाजी...’, संगीता बजाज ने ‘बाबा तेरे भरोसे मेरा परिवार है...’ सरीखे भजन प्रस्तुत किए। इसी प्रकार रितु रांकावत, राधा सोनी, सरिता तापड़िया, कुशिका शर्मा, आनंद कंवर, पुष्पा झंवर, कलावती जांगिड़ ने भी एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां दी, जिन पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। शाम को शहर में शोभायात्रा निकाली गई।
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महिला व पुरुष मंडली दिन रात भजन गाकर भगवान को रिझाते हैं