मेले में अब तक 427 पशुओं की हुई आवक, तंबुओं की नगरी में बदला रामदेव पशु मेला मैदान
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रामदेव पशु मेला मैदान पशुपालकों व पशुओं के स्वागत करने के लिए सजकर तैयार हो चुका है।
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कार्यक्रम स्थल व पशु पालकों के ठहरने वाले स्थान को रंगीन बिजली की झालरों से सजाया गया है। मेला मैदान अब तंबुओं की नगरी में बदल चुका है। मेला प्रशासन के अनुसार पशुओं व पशुपालकों के हिसाब से टेंट लगाए जा रहे हैं।
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गोवंशों, ऊंटों एवं घोड़ों की धमक पशु मेला मैदान गोवंश, ऊंट एवं घोड़ों की धमक से गुलजार होने लगा है। पशुओं की आवक तेज हो गई है।
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बुधवार को शाम तक 427 पशु पहुंच चुके थे। इनमें सर्वाधिक संख्या ऊंटों की रही। पशु मेला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि मेला शुरू होने के पहले ही 400 से ज्यादा पशुओं का पहुंचना शुभ संकेत है।
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इस बार भी बेहतर संख्या में पशु आवक की उम्मीद है। पशु व पशु पालकों की प्राथमिक चिकित्सा के लिए मैदान में उपचार कक्ष बना गया है। यहां आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। अन्नपूर्णा रसोई एवं अन्य सामानों की दुकानें भी मेले में लगाई गई है।
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रामदेव पशु मेला मैदान तैयार हो चुका है। पानी, बिजली सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं कर दी गई है। प्रयास है कि मेला में आने वाले पशुपालक नागौर से अच्छा संदेश लेकर जाएंगे।
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ऊंटों वाले मैदान का भी टूटा सन्नाटा रामदेव पशु मेला मैदान में जोधपुर की तरफ से आने वाले रास्ते पर स्थित मेला मैदान का यह भाग ऊंटों की चहलकदमी से बदला हुआ है। मेले में अब तक पहुंचे पशुओं में सर्वाधिक संख्या ऊंटों की रही है। 200 से ज्यादा ऊंट मैदान में नजर आए।
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अब तक इतने पशुओं की आवकमेला मैदान में बुधवार को 148 गोवंश, दो भैंसवंश, 151 ऊंट एवं छह घोड़े पहुंचे। अब तक कुल 192 गोवंश, तीन भैंस वंश, ऊंट 226 एवं छह घोड़े हैं। कुल पशुओं की संख्या 427 रही। देर शाम तक पशुओं की आवक जारी थी।