नागौर जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित झण्डारोहण कर रामदेव पशु मेला का शुभारंभ करते हुए।
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जिला कलक्टर ने झण्डारोहण के साथ किया रामदेव पशु मेले का शुभारंभ : 12 फरवरी तक चलेगा मेलारामदेव पशुमेला प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, इसे संजोये रखना हम सभी की जिम्मेदारी
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नागौर. रामदेव पशु मेला नागौरी बैलों के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए देश -विदेश में प्रसिद्ध है। इस विरासत को संजोये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। यह बात जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने गुरुवार को जोधपुर रोड स्थित पशुमेला मैदान में आयोजित रामदेव पशु मेले के शुभारम्भ समारोह में कही। कलक्टर ने सुबह 11 बजे पूजा व झण्डारोहण कर पशुमेले का विधिवत शुभारम्भ किया।
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पशुपालकों की बेहतर आय का जरिया उन्होंने कहा कि पुराने समय में इस पशु मेले में 70-80 हजार पशुओं की आवक होने के साथ बिक्री भी होती थी। मेले से पशुपालकों को बेहतर आय मिलती थी। मेड़ता के बलदेवराम पशुमेला से पशु परिवहन के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ऐसी घटनाएं नहीं हो इसके लिए प्रशासन प्रयासरत है। प्रशासन के प्रयासों से कई पशुपालकों को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि रामदेव पशुमेला ऐसी विरासत है, जिसे देखने विदेशी पर्यटक तक आते हैं। इस विरासत से युवा पीढ़ी को परिचित कराना होगा।
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समारोह की अध्यक्षता करते हुए पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने कहा कि मेले में पशुपालकों की सुरक्षा व व्यवस्था के माकूल प्रबंध किए हैं । किसी भी तरह की समस्या होने पर कंट्रोल रूप में सम्पर्क कर सकते हैं। पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने कहा कि पशुधन किसानों का जीवनसाथी हैं। इसका महत्व समझना होगा। पशुधन की गुणवत्ता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। पॉली क्लीनिक प्रभारी एवं उपनिदेशक डॉ. नरेन्द्र चौधरी ने पशु मेलों का महत्व बताया। मेला प्रभारी पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा ने 12 फरवरी तक आयोजित इस मेले की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
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समारोह में माली समाज अध्यक्ष कृपाराम देवड़ा, उपखण्ड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर, पशुपालन विभाग के पूर्व उप निदेशक डॉ . रामनिवास चौधरी, उपनिदेशक डॉ . मोहनराम, उपनिदेशक डॉ. नरेंद्र चौहान, डॉ . मूलाराम जांगू आदि ने समारोह को संबोधित किया।
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पशु मेला शुभारंभ कार्यक्रम स्थल के पास लगे बैनर से पहली बार नागौरी बैलों का चित्र गायब रहा। इसे लेकर कार्यक्रम में चर्चा भी हुई। लोगों का कहना था कि मेले की पहचान ही नागौरी बैलों से है। उसके बाद भी कार्यक्रम के प्रमुख बैनर से नागौरी बैलों का गायब होना जिम्मेदार अधिकारियों पशुमेले के प्रति गंभीरता नहीं दर्शाता है। इससे साफ है कि अधिकारी खानापूर्ति के लिए आयोजन करवा रहे हैं। मंचासीन अतिथि पूर्व प्रधान ओमप्रकाश सेन पशुपालकों के बीच पहुंचे और पशुपालक हनुमानराम, गोपालराम, भियाराम से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानी।
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जिला कलक्टर ने झण्डारोहण के साथ किया रामदेव पशु मेले का शुभारंभ : 12 फरवरी तक चलेगा मेला
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पहले दिन तक 700 पशुओं की आवक मेला का शुभारंभ होने के पहले दिन गुरुवार शाम तक कुल 700 पशु पहुंच चुके थे। इनमें सर्वाधिक संख्या ऊंटों की थी। गुरुवार को गोवंश-70, ऊंट 180 एवं घोड़े-23 पहुंचे। अब तक पहुंचे कुल 700 पशुओं में 406 ऊंट शामिल हैं। शेष गोवंश, भैंसवंश एवं घोड़े हैं। अब तक मेले में 262 गोवंश पहुंच, 29 घोड़े व 406 ऊंट आ चुके हैं।