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नागौर

समाज जाति और पंथ में विभक्त नहीं हो, सभी सनातन संस्कृति के अंग

नागौरJun 07, 2025 / 05:58 pm

चंद्रशेखर वर्मा

Society should not be divided into caste and creed, all are part of Sanatan culture
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नागौर. करमा बाई व मीराबाई सनातन संस्कृति के गौरव है। हमारा समाज जाति पंथ में विभक्त न हो। सनातन संस्कृति के हम सभी अंग हैं। भगवान के लिए भक्ति का महत्व है न कि जाति व वर्ण। यह बात निंबार्क पीठ के पीठाधीश्वर श्यामशरण ने कही । वे शुक्रवार को शारदा बाल निकेतन विद्यालय परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विकास वर्ग के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मां सबरी व कुब्जा के उदाहरण से स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारी सनातन संस्कृति वैभवशाली संस्कृति है। इससे हम अपना जीवन संयमित और संस्कारित बना सकते हैं।
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अतिथि दरियावराम धोलिया ने कहा कि तेजाजी महाराज ने 930 वर्ष पूर्व समाज जीवन के सामने आदर्श प्रस्तुत किया। छुआछूत व भेदभाव को दूर कर एक समान व्यवहार करने पर बल दिया। संघ का कार्य देशहित और हिंदुत्व के लिए परिश्रम करने का है।
Society should not be divided into caste and creed, all are part of Sanatan culture
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 राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि संघ के कार्य के बारे में अनेक धारणाएं, विचार और मान्यताएं व भ्रम समाज जीवन में प्रचलित हैं। संघ का स्पष्ट मत, दिशा व दृष्टि स्पष्ट है कि स्वयंसेवकों को हिंदू समाज के हित और सुदृढ़ीकरण के लिए श्रम साधना करनी है। समाज को सबल बनाने से ही राष्ट्र सशक्त बनेगा। हम कितनी भी व्यवस्थाएं क्यों ना खड़ी कर लें यदि समाज दुर्बल है तो राष्ट्र निर्माण में पिछड़ जाएंगे।
संघ की शाखा समाज परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। नियमित संघ स्थान के अलावा भी गांव गांव, नगर नगर में हमारे स्वयंसेवक व्यक्ति निर्माण और राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। सज्जन शक्ति के सक्रिय सहयोग से ही हम परम वैभव के लक्ष्य को प्राप्त करने में समर्थ होंगे। आज विकसित समाज में रहते हुए यदि हम जातिवाद की बात करते हैं तो यह चिंताजनक है। कुछ लोग अपनी राजनीति को चमकाने के लिए समाज को जातियों में बांट रहे हैं। ऐसे षड्यंत्र करने वाले लोग कभी किसी के सगे नहीं होते वे केवल समाज में दरार डालते हैं। पंच परिवर्तनों के माध्यम से जाग्रत जनता के केंद्रों से विकसित भारत का स्वप्न पूर्ण करना ही संघ का लक्ष्य है।
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विशिष्ट अतिथि नरसीराम कुलरिया ने कहा कि संघ का कार्य व्यक्ति व समाज निर्माण से राष्ट्र निर्माण है, ताकि विश्व कल्याण हो सके।
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संघ के स्थापना के 100 वें वर्ष में प्रवेश स्व के इच्छित भाव से राष्ट्र के लिए कार्य करना है। कार्यक्रम में प्रशिणार्थी स्वयंसेवकों ने घोष वादन के साथ ध्वज प्रदक्षिणा संचलन किया।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विकास वर्ग का समापन समारोह

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