छात्र यश का पिता टंकी पर चढ़ा, कूदकर जान देने की धमकी
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पुखराज के टंकी पर चढऩे के बाद उसे उतारने को तीन लोग सीढ़ी के रास्ते आगे बढ़े तो टंकी के मुहाने पर आकर पुखराज नीचे कूदने पर आमादा हो गया। यह देखकर तीनों युवक नीचे उतर गए।
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पुखराज टंकी के मुहाने पर करीब छह घंटे तक इसी तरह बैठा रहा। नीचे भीड़ एकत्र हो गई। और कौतूहल से उसे देखती रही।
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नागौर. शहर में करीब 14 माह पहले हुए यश रोज हत्याकाण्ड के सभी आरोपियों की गिरतारी नहीं होने तथा प्रशासन के आश्वासन के बाद भी मुआवजा व परिवार के सदस्य को नौकरी नहीं देने से आक्रोशित मृतक छात्र यश का पिता शुक्रवार को दोपहर 12 बजे पशु प्रदर्शनी स्थल स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गया। वह कूद कर जान देने की धमकी देता रहा।
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पुखराज के पिता भी मौके पर पहुंचे। उसकी पुत्री व पत्नी भी साथ थी। यह तीनों लगातार रोते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को कोसते रहे।
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परिजनों ने बताया कि यश की हत्या के बाद से पुखराज काफी डिस्टर्ब हो गया है। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए परेशान रहने लगा है। आरोपियों में केवल एक की गिरतारी हुई है। , जबकि अन्य लोग भी शामिल थे।
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सूचना मिलने पर एसडीएम, तहसीलदार एवं पुलिस अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। दोपहर करीब 12 बजे से शाम को 6 बजे तक चले इस ड्रामें में अधिकारी उसे मोबाइल पर बात कर समझाते रहे। इस दौरान पहुंचे परिवार के सदस्य भी प्रशासन को कोसते रहे।
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शाम को पहुंचे एडीएम चंपालाल जीनगर से हुई वार्ता के बाद वह नीचे उतरा, तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
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जोधपुर रोड स्थित शीतला माता मंदिर के निकट रहने वाले यश की चौदह माह पूर्व जघन्य हत्या हुई थी उस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को मृतक के पिता पुखराज रोज ने 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। इस पर अधिकारियों ने सहमति जताई थी। पुखराज का कहना था वह अधिकारियों के डेढ़ साल से चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही। शुक्रवार को उसके टंकी पर चढ़ने की जानकारी मिलने पर उपखण्ड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर एवं तहसीलदार नरसिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन अधिकारियों की आवाज ऊपर नहीं पहुंच रही थी। बाद में उसके मोबाइल पर तहसीलदार ने बात की। उसको नीचे उतरने के लिए समझाया कि उसकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। करीब डेढ़ घंटे चली बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। एसडीएम ने प्रयास किया तो भी वह नहीं माना।
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शाम करीब छह बजे एडीएम जीनगर से उसकी बात होने के बाद पुखराज नीचे उतर आया। एडीएम ने उसकी मांगे पूरी करने का हरसंभव प्रयास करने को आश्वस्त किया।
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