मेड़ता वन रेंज क्षेत्र के अंतर्गत लाम्बाजाटान, थांवला और इस साल पहली बार आलनियावास की नर्सरियों में हरियाळी को लेकर रेकॉर्ड स्तर पर पौधे तैयार किए जा रहे हैं। दरअसल, पिछले मानसून में रेकॉर्ड से भी ज्यादा बारिश होने के बाद लूनी नदी बहते हुए जिले की सीमा को क्रॉस करके जोधपुर से आगे बालाेतरा तक चली गई। इस बार लूनी नदी का पानी उपलब्ध होने से वन विभाग नवाचार करते हुए आलनियावास में अस्थायी नर्सरी बनाकर पौधे तैयार करवा रहा है। थांवला, लाम्बाजाटान और आलनियावास, इन तीनों नर्सरियों में 6 लाख पौधे तैयार हो रहे हैं। इन पौधों को वन विभाग मानसून सीजन में वितरित करेगा। इनमें नगरपालिका सहित सरकारी कार्यालयों, घर, सार्वजनिक स्थानों पर लगाने के लिए पर्यावरण प्रेमी और आमजनों के साथ ही डिमांड रहने पर नरेगा में भी वितरित किए जाएंगे। यह पौधे बस अब कुछ ही समय में तैयार हो जाएंगे। जिसके बाद वन विभाग इन्हें वितरित करवाएगा।
यहां, ऐसे बढ़ी पानी की उपलब्धता थांवला : इस नर्सरी में 3 लाख पौधे इसलिए तैयार किए जा रहे हैं, क्योंकि इस बार अधिक बारिश से जल स्रोत रिचार्ज हुए हैं और उनमें पानी की आवक बढ़ी है।
लाम्बाजाटान : यहां वन विभाग की ओर से ट्यूबवेल और नहर के पानी से नर्सरी के पौधों में सिंचाई करवाई जा रही है। आलनियावास : रेकॉर्ड बारिश के बाद लूनी नदी के बहने से इस क्षेत्र में पानी की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। ऐसे में यहां पहली बार पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
इन किस्म के पौधे हो रहे तैयार इन तीनों ही नर्सरी में वन विभाग की ओर से फलदार, फूलदार और छायादार पौधे तैयार करवाए जा रहे हैं। जिनमें करंज, नीम, शीशम, गुलमोहर, के. श्यामा, अमलतास, कचनार, सरेस, पीपल, अरड़ु, जामुन, इमली, सीताफल, खेजड़ी, बैर सहित विभिन्न तरीके के पौधे शामिल है।
जानिए… कहां, कितने पौधे हो रहे तैयार नर्सरी पौधों की संख्या थांवला 3,50,000 लाम्बाजाटान 2,00,000 आलनियावास 50,000