घटना के बाद से पुलिस द्वारा आरोपियों की सघन तलाश जारी थी। इसी क्रम में डीआरजी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर ग्राम कोड़तामरका और फरसबेड़ा की ओर अभियान चलाया। कोड़तामरका गांव में चार संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिनकी पहचान लच्छू, लाली, कोसा और मालू के रूप में हुई।
वर्ष 2020 से नक्सली संगठन से जुड़े
पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि वे वर्ष 2020 से कुतुल आरपीसी मिलिशिया नक्सली संगठन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने
नक्सली कमांडर रतन, वेशु और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर 7 अप्रैल 2025 को कुतुल-बेड़माकोटी मार्ग पर पुलिस पार्टी को निशाना बनाने के उद्देश्य से आईईडी बम लगाया था।
इस कार्रवाई को नारायणपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिससे क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी। पुलिस अन्य फरार नक्सली सहयोगियों की तलाश में अभियान जारी रखे हुए है।
आरोपियों ने इन वारदात में शामिल होने की बात स्वीकारी
2020 से नक्सली संगठन में सक्रिय सदस्यता, ग्रामीणों को नक्सली विचारधारा से प्रेरित करना, सुरक्षा बलों की गतिविधियों की रेकी करना, आईईडी विस्फोट की साजिश और क्रियान्वयन, नक्सली कमांडरों के निर्देश पर कार्य करना, पुलिस द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ किए जाने पर आरोपियों ने अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से स्वीकार की। वर्तमान में चारों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।