गाइडलाइन की प्रमुख बातें
-पॉलिसी के तहत 35 हजार डॉलर (लगभग 29 लाख रुपए) या उससे ज्यादा कीमत वाली ईवी कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 15% कर दी जाएगी। यह छूट फिलहाल 8,000 कारों प्रति वर्ष तक सीमित रहेगी।
-कंपनियों के द्वारा खरीदी गई जमीन की कीमत को अनिवार्य निवेश का हिस्सा नहीं माना जाएगा, केवल मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और इक्विपमेंट पर खर्च ही गिना जाएगा।
-नीति का मुख्य फोकस व्यक्तिगत उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण पर है, जिससे मिड-टू-प्रीमियम ईवी सेगमेंट को बढ़ावा मिल सके। मस्क की टेस्ला ने भारत में कार निर्माण से हाथ खींचे
एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला भारत में अपनी कारों का निर्माण नहीं करेगी, वह यहां अपनी कार बेचेगी। कुमारस्वामी ने बताया, टेस्ला भारत में सिर्फ शोरूम शुरू करने में इच्छुक है, मैन्युफैक्चरिंग में नहीं। दरअसल, एलन मस्क अमरीकी राजनीति में संभावित बदलावों को लेकर चिंतित हैं। इसी के चलते भारत में एंट्री को लेकर टेस्ला के दावे फिलहाल ठंडे पड़ गए हैं। इसके पहले अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने टेस्ला की भारत में एंट्री पर कहा था कि अगर टेस्ला भारत में कारखाना स्थापित करने का निर्णय लेती है तो यह अमरीकी मैन्युफैक्चरर्स के लिए ‘अनुचित’ होगा।
चार दिग्गज कंपनियों की दिलचस्पी
कुमारस्वामी ने बताया कि मर्सिडीज-बेंज, स्कोडा-फॉक्सवैगन, हुंडई और किआ जैसी अन्य विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारत में इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग में दिलचस्पी दिखाई है। योजना के तहत आवेदकों को भारत में न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।