…तो इस हादसे को टाला जा सकता था
प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लोगों का कहना है कि आम भक्त बेतरतीब भीड़ और अव्यवस्था से जूझते रहे। कई यूजर्स ने सरकार को ‘प्रचार में व्यस्त, व्यवस्था में लापरवाह’ बताया। अखाड़ा परिषद के संतों और श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि यदि सुरक्षा के बेहतर इंतजाम होते, तो इस हादसे को टाला जा सकता था।आप अपना ख्याल रखें
Prabhakar Kumar नाम के एक यूजर ने लिखा, यह घटना बहुत दुखद है। महाकुंभ में भगदड़ मचने की खबर आ रही है। सभी से निवेदन है कि आप अपना ख्याल रखें।सरकार ने दिया व्यस्था में कोई ध्यान नहीं
वहीं hell_geeks यूजर ने प्रशासन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सब पैसा एडवर्टाइजमेंट और गोदी मीडिया में खर्चा किया गया तो ये होना ही था व्यस्था में कोई ध्यान नहीं दिया सरकार ने।कुंभ में मौत: VIP की ख़ातिरदारी पर भड़क रहे लोग, स्वामी प्रेमानंद गिरी ने कहा- वीआईपी की सेवा में लगा रहा प्रशासन, सेना के हवाले करो
पूरी तरह फेल हो चुका है प्रशासन
A.K. Stalin नाम के एक यूजर ने लिखा, आज किसी का बेटा चला गया, किसी का पिता, किसी का सुहाग उजड़ गया… ये सिर्फ एक खबर नहीं, किसी के पूरे जीवन का अधूरा हो जाना है। निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है! VIP संस्कृति में डूबे अधिकारी सिर्फ ख़ास मेहमानों की जी-हुज़ूरी में लगे रहे, लेकिन आम श्रद्धालुओं के लिए कोई इंतज़ाम नहीं!क्या सरकार सिर्फ दिखावे के लिए कुंभ मेला आयोजित कर रही थी? क्या उन मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं थी? यह हादसा व्यवस्था की सबसे बड़ी हार है। ईश्वर उन दिवंगत आत्माओं को शांति दे… लेकिन इस लापरवाही को भूलना नहीं चाहिए।