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Ahmedabad Plane Crash: आधी रात में डरकर अचानक उठ जाता है हादसे में बचा अकेला यात्री, PTSD से लड़ाई में ले रहा डॉक्टरों की मदद

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे में 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश इकलौते ऐसे व्यक्ति रहे जो इस भीषण दुर्घटना में जीवित बच पाए। हादसे के बाद विश्वास की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है।

पटनाJul 13, 2025 / 01:56 pm

Shaitan Prajapat

विश्वास कुमार रमेश (Photo Patrika)

Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश इकलौते ऐसे व्यक्ति रहे जो इस भीषण दुर्घटना में जीवित बच पाए। हादसे के बाद विश्वास की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। हादसे की भयावह यादें, भाई की मौत का गम और मौत के मुंह से वापस लौट आने की सच्चाई ने उन्हें अंदर से हिला कर रख दिया है। अब वह इस मानसिक आघात से उबरने के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं।

हादसा कैसे हुआ?

यह हादसा तब हुआ जब एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लंदन जा रहे इस विमान में 241 यात्री सवार थे, जिनमें विश्वास के भाई अजय भी शामिल थे। हादसे में 241 यात्रियों और जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा न सिर्फ विमान में सवार यात्रियों बल्कि उनके परिवारों के लिए भी गहरी त्रासदी बनकर सामने आया।

आधी रात में अचानक उठ जाते हैं विश्वास कुमार

हादसे के बाद विश्वास के चचेरे भाई सनी ने बताया कि हादसे में चमत्कारिक रूप से बच निकलने के बाद भी विश्वास अंदर से टूट गए हैं। वो हादसे और भाई की मौत के सदमे से अभी भी उबर नहीं पाए हैं। आधी रात को अचानक चौंक कर उठ जाते हैं और फिर घंटों तक सो नहीं पाते।

अब PTSD से उबरने की लड़ाई लड़ रहे

सनी ने बताया कि परिवार ने विश्वास को मानसिक आघात से उबरने में मदद के लिए मनोचिकित्सक के पास ले जाने का फैसला किया। कुछ दिन पहले ही विश्वास ने नियमित काउंसलिंग लेना शुरू किया है ताकि वह इस मानसिक जख्म से उबर सकें। हादसे के बाद विदेश में रहने वाले रिश्तेदार लगातार विश्वास की हालत जानने के लिए कॉल करते हैं, लेकिन विश्वास किसी से बात नहीं करना चाहते।

अब क्यों नहीं लौटना चाहते लंदन?

17 जून को विश्वास को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी मिली थी। उसी दिन डीएनए टेस्ट के बाद उनके भाई अजय का शव परिवार को सौंपा गया, जिसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। हादसे से पहले विश्वास और अजय, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में अपने परिवार से मिलने गए थे और वहां से लंदन लौटने के लिए रवाना हुए थे। लेकिन उड़ान के कुछ ही पलों बाद यह दर्दनाक हादसा हो गया। सनी ने बताया कि अभी विश्वास ने लंदन वापस लौटने का कोई फैसला नहीं लिया है। परिवार और डॉक्टर चाहते हैं कि पहले विश्वास का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाए, तभी उन्हें वापस भेजा जाएगा।

वायरल वीडियो में दिखा दर्द और संघर्ष

हादसे के तुरंत बाद एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा बनाए गए और सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में विश्वास कुमार रमेश को मलबे से दूर लड़खड़ाते कदमों से एम्बुलेंस की ओर जाते हुए देखा गया। इस वीडियो ने कई लोगों को भावुक कर दिया, लेकिन विश्वास के लिए यह हादसा केवल एक वीडियो का हिस्सा नहीं बल्कि उनकी जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव बन गया है।

दर्द और डर ने नहीं छोड़ा पीछा

हादसे में बचने के बावजूद विश्वास के लिए यह मानसिक लड़ाई खत्म नहीं हुई है। हादसे की यादें, भाई की मौत का गम और मौत के साए से बाहर निकलने की कोशिश उन्हें लगातार झकझोर रही है। डॉक्टरों और परिवार की मदद से विश्वास अब इस सदमे से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वास की यह कहानी हमें बताती है कि हादसों से बच जाने के बाद भी मानसिक और भावनात्मक तौर पर जख्म भरने में कितना समय और हिम्मत लगती है।

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