एयर इंडिया हादसे की जांच में सिम्युलेटर टेस्ट से खुलासा
एयर इंडिया हादसे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांचकर्ताओं और एयर इंडिया के पायलटों ने सिम्युलेटर में उस हादसे की परिस्थितियों को दोहराया, जिसमें यह देखा गया कि क्या सिर्फ लैंडिंग गियर खुले होने और विंग फ्लैप्स बंद होने से विमान गिर सकता है। टेस्ट में पाया गया कि इन कारणों से विमान नहीं गिरता, जिससे अब हादसे की वजह तकनीकी गड़बड़ी या बिजली व्यवस्था में फेलियर की ओर इशारा कर रही है।
अपने आप एक्टिव हो गई थी इमरजेंसी पावर टरबाइन
हादसे से ठीक पहले विमान में इमरजेंसी पावर टरबाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गई थी। यह सिस्टम तभी ऑन होता है जब विमान के दोनों इंजन काम करना बंद कर देते हैं। इससे यह संदेह गहराया है कि हादसे के वक्त विमान में बिजली की पूरी सप्लाई बंद हो गई थी, जिससे विमान ने ऊंचाई पकड़ने में नाकाम रहा। तकनीकी गड़बड़ी पर शक गहराया
जांच में शामिल पायलटों ने सिम्युलेटर पर उसी परिस्थिति को दोहराया, जहां लैंडिंग गियर बाहर था और विंग फ्लैप्स बंद थे, लेकिन विमान क्रैश नहीं हुआ। इससे संकेत मिला कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान में इंजन या बिजली सप्लाई में तकनीकी खराबी आ गई थी। वीडियो फुटेज से यह भी पता चला कि टेकऑफ के तुरंत बाद ही विमान ऊंचाई नहीं पकड़ सका और नीचे गिर गया। सिम्युलेटर टेस्ट में पाया गया कि लैंडिंग गियर आधा मुड़ा हुआ था, लेकिन उसके दरवाजे खुले नहीं थे, जो हाइड्रोलिक फेलियर या पावर फेलियर की ओर इशारा करता है।
फिलहाल AAIB और एयर इंडिया ने हादसे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, हादसे की वजह अब तकनीकी फेलियर पर केंद्रित हो गई है।