Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कन्हैया कुमार पर खेला दांव, क्या गठबंधन में पड़ेगी दरार
Bihar Politics: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार इस समय प्रदेश में ‘नौकरी दो पलायन रोको’ यात्रा निकाल रहे है। वहीं बिहार में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव के एजेंडे में भी नौकरी और पलायन का मुद्दा अहम है। राजद नेता ने कई बार नौकरी और पलायन को लेकर सवाल उठाया है।
Bihar Election 2025: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को लेकर कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एक्टिव हो गई है। कांग्रेस ने हाल ही में अपने प्रदेश अध्यक्ष को भी बदल दिया है। बिहार में अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह राजेश कुमार को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) पर भी दांव खेला है। दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। अब बिहार विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए अहम है।
लोकसभा चुनाव 2024 में कन्हैया कुमार ने दिल्ली की उत्तरी-पूर्वी सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में कन्हैया कुमार को हार का सामना करना पड़ा। अब कांग्रेस ने बिहार में कन्हैया कुमार को उतारा है। कन्हैया कुमार इस समय ‘नौकरी दो पलायन रोको’ यात्रा निकाल रहे है। यह यात्रा 24 दिनों की होगी और इस यात्रा में राहुल गांधी के आने की भी खबर है।
एक ही मुद्दे पर कांग्रेस और राजद अलग-अलग
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार इस समय प्रदेश में ‘नौकरी दो पलायन रोको’ यात्रा निकाल रहे है। वहीं बिहार में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव के एजेंडे में भी नौकरी और पलायन का मुद्दा अहम है। राजद नेता ने कई बार नौकरी और पलायन को लेकर सवाल उठाया है। कन्हैया कुमार का भाषण देखें (वीडियो पुराना है)…
महागठबंधन में शामिल है RJD-कांग्रेस
बिहार में महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी भी शामिल है। कांग्रेस और तेजस्वी का नौकरी और पलायन मुद्दा है फिर अलग यात्रा क्यों? इस पर कन्हैया कहते है कि इन मुद्दों पर जितनी यात्रा निकाली जाएं उतना ही अच्छा है और ये चुनावी यात्रा नहीं बल्कि पद यात्रा है। आरजेडी को लेकर लग रहे कयासों का कोई मतलब नहीं है।
क्या ‘कन्हैया’ के आने से असहज है तेजस्वी
बिहार में चुनावी साल में कन्हैया कुमार की एंट्री से सबसे ज्यादा राजद और तेजस्वी यादव को असहज कर दिया है। हालांकि अभी तक राजद नेता की असहजता स्पष्ट नहीं हुई है लेकिन कन्हैया की बिहार में एंट्री से समीकरण जरूर बदल सकते है। क्योंकि तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार दोनों युवा है। कन्हैया एक अच्छे वक्ता है और युवाओं में उनकी एक अलग ही पहचान है।
कांग्रेस हुई एक्टिव
बिहार में चुनावी साल में कांग्रेस एक्टिव हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस साल की शुरुआत में दो बार पटना आ चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने 14 फरवरी को बिहार में अपना प्रभारी भी बदल दिया। कांग्रेस ने कृष्णा अल्लावरू को प्रभारी बनाया है। प्रदेश प्रभारी बनने के बाद कृष्णा अल्लावरू भी एक्टिव हो गए है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में आरजेडी ने कांग्रेस को 70 सीटें दी थीं। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा और महज 19 सीटों पर जीत दर्ज की। 2020 में बिहार में महागठबंधन की सरकार नहीं बनने का कांग्रेस का प्रदर्शन भी माना गया था। वहीं राजद इस बार भाकपा (माले) को 25 से 30 सीटें दे सकती है। क्योंकि 2020 के चुनाव में 19 सीटें दी थी और 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा पार्टी ने लोकसभा चुनाव में आरा और काराकाट सीट पर जीत दर्ज की थी।
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